गरुड़ पुराण के अनुसार कुछ ऐसी आदतें बताई गई हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति धन का सुख प्राप्त नहीं कर पाता है। यहां जानिए ये आदतें कौन-कौन सी हैं, जिनसे हमें बचना चाहिए. आदतों का संबंध भी हमारे भविष्य और हमें प्राप्त होने वाले सुख-दुख से भी है। आदतें बता देती हैं कि हमारी सोच कैसी है और स्वभाव कैसा है। इसीलिए आदतों को व्यक्तित्व का दर्पण भी कहा जाता है। शास्त्रों में कुछ आदतें ऐसी बताई गई हैं जो गलत हैं और अशुभ फल देती हैं। यहां जानिए कुछ ऐसी गलत आदतें, जिन्हें छोड़ देना चाहिए…
सबसे
बड़ी गलत आदत जो हम उठते ही करते हैं वो है बिस्तर और चादर को घर में बिखरा हुआ या
गन्दा ही छोड़ देना। ये “राहु” के
अशुभ प्रभाव को बढ़ाने वाली आदत है। इसी कारण से हमारी दिनचर्या भी व्यवस्थित नहीं
रहती है। कोई भी काम अच्छे से नहीं होतें।
नहाने के बाद बाथरूम को गन्दा ही छोड़ देना। ये आदत से चंद्र से अशुभ प्रभाव मिलते हैं। क्योंकि चंद्र जल तत्व का कारक है। इसी कारण से हमें नहाने के बाद बाथरूम के गन्दगी और फर्श पे फैले पानी को साफ कर देना चाहिए। ऐसा करने से चेहरे पे तेज विकसित होता है और चंद्र देव से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
खाना खाने के बाद जूठी थाली छोड़कर उठ जाना अच्छी आदत नहीं है। इस आदत के कारण कार्यों में स्थाई सफलता प्राप्त नहीं हो पाती है। अधिक मेहनत करने के बाद भी संतोषजनक फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं। खाना खाने के बाद जूठे बर्तनों को सही स्थान पर रखा जाए तो शनि और चंद्र के दोष दूर होते हैं। साथ ही,लक्ष्मी की प्रसन्नता भी मिलती हैं।
रसोईघर को गन्दा रहने देना भी हमारी सबसे गलत आदत हैं।
यदि किचन में अच्छे से साफ-सफाई नहीं होती है तो “मंगल-ग्रह” के गलत प्रभाव दोष के रूप में बढ़ते हैं।
हम हमेशा छोटी-छोटी चीजों की गलतियों के लिए बुजुर्गों जैसे की दादा-दादी
या नाना-नानी का अपमान करते हैं और उन्हें हम बुरा-भला बोलते और उनका मजाक तक भी
बनाते हैं। लेकिन ऐसा करने से “राहु” का कोप बढ़ता है ! हमारे घर की
बरकत ख़त्म हो जाती है।
आपने ध्यान दिया होगा की हम जब भी कही से आते या जातें हैं तो जल्दी-जल्दी
में अपने जूते-चप्पल को हम इधर-उधर बिखेर(फ़ेंक) के जाते हैं। हमारे शास्त्रों में कहा गया है की घर में
जूते-चप्पल को यदि व्यवस्थित ढंग से नहीं रखा गया तो इस कारणवश शत्रु भय बढ़ता
है। इन आदतों से मान- सम्मान में कमी आती
है।
हम जब गुस्सा होते है तो जोर-जोर से बलते हैं। ऐसा करने से सामने या जिसके कारण हम गुस्सा हुए हैं उन्हें कुछ नहीं होता, बल्कि इससे हमें ही नुक्सान होता है। जोर-जोर से बोलने से "शनि"
दोष बढ़ता है। ऐसा करने से अन्य लोगों को भी परेशानी होती हैं।
सुबह देर तक सोने से "सूर्य" अशुभ फल देने लगता है !
सूर्य मान-सम्मान एवं यश का कारक है !अतः देर तक सोने से बचें अन्यथा बुरे परिणाम प्राप्त होंगे ! कार्य में विलम्ब एवंआलस्य की अधिकता होगी !
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