गीता उपदेश में भगवान श्री कृष्ण जी ने कहा, महीनो में मैं पवित्र महीना मार्गशीर्ष हूँ। अतः मार्गशीर्ष या अगहन माह अति पावन माह है।
अगहन (अग्रहायण) पूर्णिमा इस महीने 22 दिसंबर (शनिवार) को पड़ रही है। ज्योतिष का मानना है कि यह शनि पूर्णिमा के नाम से भी जानी जाती है। शास्त्रों के मुताबिक, इस महीने को श्री कृष्ण का माह माना जाता है। सनातम धर्म के अनुसार, सतयुग काल का प्रारंभ देवताओं ने मार्गशीर्ष माह की पहली तिथि को हुआ था। शायद आप लोग इस बात से अंजान हो लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है, इस दिन स्नान, दान आदि करने से बत्तीस गुना फल प्राप्त होता है, यही कारण है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन दत्तात्रेय जयंती भी पड़ रही है। कहते हैं कि इस दिन सृष्टिकर्ता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु और महेश के अंशावतार भगवान श्री दत्तात्रेय की पूजा होती है।
अग्रहायण पूर्णिमा के दिन शुभ योग बन रहे हैं जिसमें आपकी दौलत बढ़ जाएगी। चाहे आप सोना चांदी, जमीन, मकान या शेयर खरीदें या कोई नया व्यापार शुरू करें।
अग्रहायण (अगहन) पूर्णिमा के उपाय:-
शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार अगहन पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय करने से व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में आ रही धन से संबंधित हरेक समस्या का निदान हो जाता है।
साथ ही घर-परिवार में सदैव खुशियाँ बरकरार रहती है। आईए जानते हैं कि अग्रहायण (अगहन) पूर्णिमा के दिन किन उपायों को करने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
अग्रहायण (अगहन) पूर्णिमा के दिन त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) काला धागा अर्पित कर इसे गले में धारण करें।
इस दिन भगवान विष्णु और शिवलिंग पर दूध में केला और काले तिल मिलाकर अर्पित करें। साथ ही इस दिन शिव का रुद्राभिषेक करना लाभकारी होगा।
अगहन पूर्णिमा की संध्या काल में किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव पर बर्फी, तेल और काले तिल चढाएं।
शिवलिंग पर बिल्वपत्र की माला और गुलाब का फूल चढाएं।
🏵मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है।
🏵इस दिन ध्यान दान और स्नान विशेष लाभकारी होता है।
🏵इस दिन चन्द्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था। अतः इस दिन चन्द्रमा की उपासना का खास महत्व होता है, इसलिए चंद्रमा की उपासना जरूर करनी चाहिए।
🏵चन्द्रमा अपनी सबसे मजबूत स्थिति में रहेगा।
🏵बृहस्पति चन्द्रमा का गजकेसरी योग भी होगा।
🏵अमृत और अमरता का कारक चंद्रमा भी बलवान होगा।
🏵इसके अलावा सुख को बढ़ाने वाला ग्रह शुक्र भी स्वगृही होगा।
🏵इस पूर्णिमा को स्नान और दान करने से चन्द्रमा की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी, साथ ही साथ आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती जाएगी।
इस दिन व्रत/पूजन के लिए~
🏵प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें।
🏵जल में तुलसी के पत्ते डालें।
🏵पहले जल को सर पर लगाकर प्रणाम करें।
🏵फिर स्नान करना आरम्भ करें।
🏵स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
🏵साफ़ वस्त्र या सफ़ेद वस्त्र धारण करें, फिर मंत्र जाप करें।
🏵मंत्र जाप के पश्चात सफ़ेद वस्तुओं और जल का दान करें।
🏵रात्रि में चन्द्रमा को जरूर अर्घ्य दें।
🏵इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं।
🏵मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है।
🏵इस दिन ध्यान दान और स्नान विशेष लाभकारी होता है।
🏵इस दिन चन्द्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था। अतः इस दिन चन्द्रमा की उपासना का खास महत्व होता है, इसलिए चंद्रमा की उपासना जरूर करनी चाहिए।
🏵चन्द्रमा अपनी सबसे मजबूत स्थिति में रहेगा।
🏵बृहस्पति चन्द्रमा का गजकेसरी योग भी होगा।
🏵अमृत और अमरता का कारक चंद्रमा भी बलवान होगा।
🏵इसके अलावा सुख को बढ़ाने वाला ग्रह शुक्र भी स्वगृही होगा।
🏵इस पूर्णिमा को स्नान और दान करने से चन्द्रमा की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी, साथ ही साथ आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती जाएगी।
इस दिन व्रत/पूजन के लिए~
🏵प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें।
🏵जल में तुलसी के पत्ते डालें।
🏵पहले जल को सर पर लगाकर प्रणाम करें।
🏵फिर स्नान करना आरम्भ करें।
🏵स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
🏵साफ़ वस्त्र या सफ़ेद वस्त्र धारण करें, फिर मंत्र जाप करें।
🏵मंत्र जाप के पश्चात सफ़ेद वस्तुओं और जल का दान करें।
🏵रात्रि में चन्द्रमा को जरूर अर्घ्य दें।
🏵इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं।
लव मैरिज में सफलता के लिए करें ये उपाय:-
जो जातक लव मैरिज करना चाहते हैं उन्हें इस दिन (अगहन पूर्णिमा) का चयन करना शुभ माना गया है। ऐसा मन गया है कि लव मैरिज के लिए यह दिन सबसे अच्छा मुहूर्त है। माना जाता है कि ऐसा करने के प्रेम विवाह में सफलता अवश्य मिलती है।
इस दिन गुलाब जल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए। इसके अलावा गुलाब की एक माला बनाकर भगवान विष्णु को चढ़ाएं। साथ ही पीपल के पत्ते पर अपने दोस्त का नाम लिखकर प्रेम विवाह की शुरुआत करें। यदि आपका प्यार सच्चा होगा तो अवश्य सफलता मिलेगी।
शनि पूर्णिमा की पूजा से नौकरी-व्यापार में मिलेगी सफलता
सैलरी या मुनाफा दोगुना हो सकता है।
शनिवार को अगहन मास की पूर्णिमा तिथि है।
उच्च का फूल मून है, रात्रि पूजा का ख़ास दिन है।
शिव जी और शनि देव की पूजा से बहुत लाभ होता है।
नौकरी व्यापार में धन बढ़ाने का योग है।
उपाय:-
ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
ॐ शनिश्चराय नमः का जाप करें।
भगवान शिव और शनि देव को तिल की रेवड़ी चढ़ाएं।
दोनों को नारियल चढ़ाकर तिजोरी में रखें।
गाड़ी-मकान जमीन सोना चांदी खरीदने पर होगा दोगुना लाभ
उपाय:-
कुछ खरीदने से पहले शिव जी और शनि जी की पूजा करें।
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