अभी श्रावण मास चल रहा है. इस माह में देवों के देव महादेव अर्थात भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिव की पूजा में फूलों का विशेष महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि एक तपस्या में लीन, सर्वगुणों से सम्पन्न और चारों वेदों में निष्णात किसी ब्राह्मण को सौ स्वर्ण मुद्राएं दान करने पर जो फल प्राप्त होता है, वही फल भगवान शिव पर सौ फूल चढ़ा देने से ही प्राप्त हो जाता है.
शास्त्रों में जो नियम और विधान बताए गए हैं, उसके मुताबिक भगवान को पुष्प अर्पित करने से मिलने वाले फल का महत्व इस प्रकार है-
1- ‘दस स्वर्ण पुष्प‘ दान का फल एक श्वेतार्क पुष्प को चढ़ाने से प्राप्त हो जाता है.
2- वही पुण्य एक हजार श्वेतार्क पुष्पों की अपेक्षा एक कनेर का पुष्प अर्पित करने से प्राप्त हो जाता है.
3- एक हजार कनेर के पुष्प चढ़ाने की अपेक्षा एक बिल्वपत्र अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
4- एक हजार बिल्वपत्रों की अपेक्षा एक गूमाफूल (द्रोण-पुष्प) अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
5- एक हजार गूमा से बढ़कर एक चिचिड़ा अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
6- एक हजार चिचिड़ों से बढ़कर एक कुश का फूल अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
7- एक हजार कुश-पुष्पों से बढ़कर एक शमी की टहनी अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
8- हजार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
9- एक हजार नीलकमलों से बढ़कर एक धतूरा अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
10- एक हजार धतूरों की अपेक्षा एक शमी का पुष्प अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है.
आइए जानते हैं शिव को कौन सा पुष्प अर्पित करने से आपको किस सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होगी.
1- विल्वपत्र चढ़ाने से जन्म-जन्मांतर के पापों व रोग से मुक्ति मिलती है.
2- कमल पुष्प चढ़ाने से शान्ति व धन की प्राप्ति होती है.
3- कुशा चढ़ाने से मुक्ति की प्राप्ति होती है.
4- दूर्वा चढ़ाने से आयु में वृद्धि होती है.
5- धतूरा अर्पित करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति व पुत्र का सुख मिलता है.
6- कनेर का पुष्प चढ़ाने से परिवार में कलह व रोग से निवृत्ति मिलती हैं.
7- शमी पत्र चढ़ाने से पापों का नाश होता, शत्रुओं का शमन व भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है.
ACHARYA MUKESH
ASTRO NAKSHATRA 27
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