Contact:9999782755/ 7678689062

PAY NOW

Tuesday, 20 August 2019

इस जन्माष्टमी सफल जप करने की कुछ उपयोगी तकनीक#हरे राम हरे रामा, रामा राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्णा ,कृष्णा कृष्णा हरे हरे/astro nakshatra 27


१. एक मंत्र को निश्चित संख्या में करने का संकल्प लीजिये

संकल्प यानि कुछ कार्य पूर्ण करने के विचारों को दृढ़ या स्थिर करना । अपने मन को यह कहकर स्थिर करना की अगला हरे कृष्ण महामंत्र करना ही है, यह पहला कदम है।

महामंत्र करने के लिए निश्चय करने का कारण यह है कि यह सरलता से किया जा सकता है । अगर हम मन को पूरी सोलह माला या एक माला भी ध्यानपूर्वक करने को कहेंगे तो यह असाध्य लगता है । परन्तु अगर हम मन को यह कहें कि अगला मंत्र ध्यानपूर्वक करो तो मन इस छोटे से आग्रह को मानने के लिए तैयार हो जाता है। अगर मन इतना विचलित है कि एक मन्त्र भी करने को तैयार नहीं है तो उसे आधा मंत्र करने के लिए विवश करें और इसका अर्थ यह हुआ कि एक एक शब्द को बिना ध्यान भटकाए सुनना।

एक बार इसमें सफल हो जाने पर इस क्रिया को दोहराएँ । मन को दोबारा एक पूरा मंत्र करने के लिए विवश करें। इस प्रक्रिया को बार बार दोहराएँ। अंततः मन परास्त होकर एक के बाद एक मन्त्र पर ध्यान केंद्रित करने लगेगा और कुछ समय बाद इस पवित्र नाम-ध्वनि में लीन हो जायेगा ।



२. मन की उपेक्षा करें 

मन हरिनाम की शब्द ध्वनि में मग्न होता जायेगा तो भी समय समय पर किसी और विषय पर मुड़ने का प्रयत्न करेगा। ऐसे समय पर मन की मांगो को नकार दें और नाम-ध्वनि पर खींच कर लाएं । यह ऐसा ही है जैसे कोई छोटा बालक रो-रो कर अपने पिता को वह चीज लेने के लिए विवश करता है परन्तु पिता शांत रहते हुए बालक की बातों पर ध्यान नहीं देता ।
धीरे धीरे बालक समझ जाता है कि उसे वह वस्तु नहीं मिलेगी और वह भी शांत हो जाता है। इसी तरह मन अनेक प्रकार के विचारों को प्रस्तावित करेगा और ध्यान भटकाने का प्रयास करेगा परन्तु हमें उसकी उपेक्षा करते हुए जप पर ध्यान लगाना चाहिए ।


३. पवित्र हरिनाम की शरण लें 

अब मन हरिनाम की शब्द-ध्वनि में लीन हो चूका है । पवित्र हरिनाम के अलावा और कुछ नहीं सूझ रहा और मन भी केन्द्रित है । यह समय है जब पूर्ण समर्पण के साथ हमें आभास करना करना चाहिए कि पवित्र हरिनाम और भगवान् कृष्ण में कोई अंतर नहीं है और यही हमारा लक्ष्य है जिसके उपरांत हमें किसी प्रकार की इच्छा नहीं रह जाती ।

पद्मपुराण में कहा गया है–

नाम: चिंतामणि कृष्णश्चैतन्य रस विग्रह: ।
पूर्ण शुद्धो नित्यमुक्तोSभिन्नत्वं नाम नामिनो: ।।

हरिनाम उस चिंतामणि के समान है जो समस्त कामनाओं को पूर्ण सकता है। हरिनाम स्वयं रसस्वरूप कृष्ण ही हैं तथा चिन्मयत्त्व (दिव्यता) के आगार हैं । हरिनाम पूर्ण हैं, शुद्ध हैं, नित्यमुक्त हैं । नामी (हरि) तथा हरिनाम में कोई अंतर नहीं है । जो कृष्ण हैं– वही कृष्णनाम है। जो कृष्णनाम है– वही कृष्ण हैं ।

४. कृष्ण-कृपा प्राप्ति 

हमारे इस निष्कपट प्रयास को देखकर अगर हरिनाम की इच्छा हुयी तो वे अपनी अहैतुकी कृपा से हमें शुद्ध भक्ति कि मधुरता की झलक दिखा सकते हैं ।

पुनः अवलोकन : 
१. संकल्प करें
२. मन की उपेक्षा करें
३. हरिनाम की शरण लें
४. भगवान कृष्ण (हरिनाम) के अहैतुकी कृपा की प्रतीक्षा करें

अहैतुकी भक्ति का अर्थ है बिना किसी हेतु के भक्ति करना – कोई प्रयोजन नहीं , कोई हेतु नहीं , कोई डिमाण्ड नहीं , कोई माँग नहीं , कोई चाह नहीं — तुम मुझे चाहे दुखों में रखो या सुखों में – उससे कोई फर्क नहीं पड़ता पर सर्व अवस्थाओं में मैं सिर्फ तुमसे ही प्रेम करता हूँ और तुम्हारा ही आश्रय है।
तुम न चाहो – कोई बात नहीं पर मैं तुम्हें चाहता रहूँगा – यह अहैतुकी भक्ति का लक्षण है और यही भक्ति चाहे गुरु के प्रति हो या परमात्मा के प्रति – तुम्हें सर्व सिद्धि प्रदान कर सकती है ।


यह अवश्य परिणाम दायक होगा ।
हरिनाम प्रभु की जय !!
Acharya Mukesh
Astro Nakshatra 27

Related Posts:

  • Maha Shivaratri Vrat In 2020 | महा शिवरात्रि कथा| Mahashivratri Puja Vidhi 2020 | शिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि 1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर… Read More
  • मौनी अमावस्या 2020 माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है. इसलिये माघ स्नान के लिये मौनी अमावस्या को बहुत ही खास माना गया है. इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिन भर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है, इसी कारण यह अमा… Read More
  • #Dhanu Rashi #Makar Rashi #Kumbh Rashi #Sadhesati#Saturn Transit 2020#Sagittarius#Capricorn#Aquarius "साढ़ेसाती" एक कठिन समय की अनुभूति कराने वाला शब्द , परन्तु ये कितना सही है या गलत आज मैं आपको इसकी सच्चाई बता रहा हूँ. "धनु-राशि" के लिए ये उतरती साढ़ेसाती के अंतिम 30 महीने होंगे वहीँ "मकर-राशि" के जातकों के लिए यह बहुत स… Read More
  • Chaitra Navratri Kalash Sthapna Muhurat 25 April 2020/ Pratipada Mata Shailputri चैत्र घटस्थापना बुधवार, मार्च 25,2020 को घटस्थापना मुहूर्त - 6:19 से 7:17 अवधि - 00 घण्टे 58 मिनट्स घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है। घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभा… Read More
  • Mahashivratri 2020 | Puja Vidhi | Muhurat | Kalsarp Dosh Removal महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी को है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, तीनों लोकों के मालिक भगवान शिव का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है। कहते हैं महाशिवरात्रि ऐसा दिन होता है जब भगवान शंकर पृथ्वी पर उनके जितने शिवलिंग हैं… Read More

0 comments:

Post a Comment