माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है. इसलिये माघ स्नान के लिये मौनी अमावस्या को बहुत ही खास माना गया है. इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिन भर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है, इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है. इस साल मौनी अमावस्या का यह त्यौहार 24 जनवरी को है.
ज्योतिष शास्त्र व धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है. कुंडली के पितृदोष से मुक्ति पाने के लिये इस तिथि का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि के लिये बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है.
इस बार की मौनी अमावस्या बहुत खास है. इस दिन ग्रहों का एक विशेष संयोग बन रहा है. मौनी अमावस्या के पर्व पर मकर राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध की युति होगी जो विशेष फलदायी होगी.
इसके अलावा इस दिन ही शनि अपनी मकर राशि में भी प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही, गुरु और केतु की युति धनु राशि में होगी.
इस मौनी अमावस्या पर तीर्थ स्थलों पर स्नान करना विशेष फलदायी हो जाएगा.
मौनी अमावस्या पर करें ये दिव्य प्रयोग
सूर्य उदय होने से पहले उठें और जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करें तथा साफ वस्त्र पहनें.
एक साफ आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करें और एक तांबे के लोटे में गंगाजल भरकर रखें.
लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से गायत्री मंत्र का 3 माला जाप करें, इसके बाद लोटे के गंगाजल को सारे घर में छिड़क दें.
घर में कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसके स्वस्थ होने के बाद जरूरतमंद लोगों को पितरों के नाम से भोजन जरूर कराएं.
मौनी अमावस्या सुबह के समय कच्चे दूध में काला तिल, जौ और गंगाजल मिश्री मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में जरूर अर्पण करें.
जरूरतमंद लोगों को गर्म कपडे़, तिल के लड्डू , आंवला, दूध से बनी मिठाई, सफेद कपड़े, फल, सब्जियां और दवाई का दान जरूर करें.
गरुण पुराण के अनुसार मौनी अमावस्या के दौरान शारीरिक संबंध बनाना दांपत्य जीवन के लिए अच्छा नहीं होता है. मौनी अमावस्या की पूरी अवधि में ख्याल रखें कि आपके मन में यौन संबंधों को लेकर कोई विचार न आए.
मौनी अमावस्या पर पीपल की पूजा करना शुभ माना जाता है. इस दिन पीपल की पूजा करते वक्त उसे स्पर्श नहीं करना चाहिए. यदि मौनी अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है तब आप पीपल का स्पर्श कर सकते हैं. इस दिन पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से शुभ फल प्राप्त होता है.
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