🌷आज का पँचांग 🌳26 अक्टूबर 2018🌾
🌼💮दिन~ शुक्रवार💮🌻
🌻विक्रम सम्वत्~ 2075(विरोधाकृत)
⚠️शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🛄द्रिक अयन~ दक्षिणायण।
🛄द्रिक ऋतु~शरद।
🌞↗️सूर्योदय~06:33.
🌞↘️सूर्यास्त~17:37.
🌝↗️चन्द्रोदय~ 19:09.
🌝↘️चन्द्रास्त~ 07:49.
🔴मास~कार्तिक।
⚫पक्ष~कृष्ण पक्ष ।
♐तिथि ~ द्वितीया 20:09.
🌝चंद्रराशि~ ♈ मेष 14:55.
🌝🌠चंद्र नक्षत्र ~ भरणी 09:04.
✴️योग * व्यतिपात 27:45+.
💮सूर्य राशि~ तुला♎
💮सूर्य नक्षत्र~ स्वाति
💮मंगल ~ मकर ♒
💮बुध ~ तुला♎
💮बृहस्पति~वृश्चिक♏
💮शुक्र (वक्री,अस्त)~ तुला♎
💮शनि ~धनु♐
💮राहु ~ कर्क♋
💮केतु ~ मकर♒
🌻करण~ बालव~10:30. कौलव ~ 22:15.
👺राहुकाल~
10:42 - 12:05.
🎄अभिजीत मुहुर्त~
11:43 - 12:27.
🌀गंडमूल ~
31-10-18# 26:34 से,
02-11-18# 23:59 तक।
❄️पंचक ~ ❎
☄️होमहुति~ चंद्रमा 09:04
🔥अग्निवास~ पृथ्वी 20:09.
↔️दिशा शूल~पश्चिम
🚴यात्रा ~*शुक्रवार*-
दही या उससे बने पदार्थ का सेवन करके यात्रा करने से अनुकूलता आती है।
🌻आने वाले व्रत👉
👉करवाचौथ~ 27-10-18(शनिवार)
👉अहोई अष्टमी~ 31-10-18(बुधवार)
🛑✍️कार्तिक मास के समान्य निर्देश✍️🛑
👉इस महीने में आचरण में पांच अनुशासन का पालन महत्वपूर्ण बताया गया है। इन अनुशासनों का पालन करने से जीवन में वास्तविक प्रगति की संभावनाएं बढ़ती हैं।
👉दीपदान -
कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की रातें वर्ष की सबसे ज्यादा अंधकार वाली रातें होती हैं। भगवान विष्णु के जागने से पहले इन पंद्रह दिनों में प्रतिदिन दीप प्रज्ज्वलित करना चाहिए ताकि हम अपने जीवन को आलोकित कर सकें।
👉तुलसी पूजा -
इस महीने में तुलसी की पूजा का भी विशेष महत्व है। भगवान विष्णु तुलसी के हृदय में शालिग्राम के रूप में निवास करते हैं। स्वास्थ्य को समर्पित इस मास में तुलसी पूजा व तुलसी दल का प्रसाद ग्रहण करने से उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
👉भूमि शयन -
यह मास विलासिता और आराम से मुक्त होने का भी है। यही वजह है कि इस अवसर पर आरामदायक बिस्तर छोड़कर भूमि पर शयन का अनुशासन पालना चाहिए। इससे जहां स्वास्थ्य लाभ होता है वहीं शारीरिक और मानसिक विकार भी दूर होते हैं।
👉ब्रह्मचर्य -
इस महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करना इसलिए जरूरी बताया गया है ताकि आपके मानसिक विकार दूर हों। ब्रह्मचर्य के पालन का अर्थ यही है कि किसी भी ऐसे आचरण से खुद को दूर रखें जिससे आप ईश्वर से दूर होते हैं। ईश्वर के प्रति आपका आकर्षण कम हो ऐसा कोई काम न करें।पत्नी संग संबंध वर्जित नहीं।
👉द्विदलन निषेध-
कार्तिक मास में दालों के सेवन का निषेध है। इस मास में हल्के-फुल्के भोजन को ही उत्तम बताया गया है। व्यक्ति को इस मास अपने आहार को संतुलित करना चाहिए ताकि वह स्वास्थ्य को पा सके। आहार और व्यहार शुद्धता ही इस मास का ध्येय है।
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