🍁दिन~ बुधवार।
🍁विक्रम सम्वत्~2075(विरोधाकृत)
🍁शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🍁द्रिक अयन🔸 दक्षिणायण।
🏵द्रिक ऋतु~शरद।
🌄सूर्योदय~06:41.
🌅सूर्यास्त~17:28.
🍁चन्द्रोदय~ ❎
🍁चन्द्रास्त~ 17:38.
🍁मास~कार्तिक।
⚫पक्ष~कृष्ण पक्ष
⚫तिथि ~ अमावस्या 21:32+.
🍁चंद्रराशि~ तुला
🍁चंद्र नक्षत्र ~ स्वाति 19:37+.
🍁योग ~ आयुष्मान 17:59.
🍁सूर्य राशि~ तुला
🍁सूर्य नक्षत्र~ विशाखा
🍁मंगल ~ मकर
🍁बुध ~ वृश्चिक
🍁बृहस्पति~वृश्चिक
🍁शुक्र (वक्री)~ तुला
🍁शनि ~धनु
🍁राहु ~ कर्क
🍁केतु ~ मकर
🌟करण~ चतुष्पाद~09:56. नागव ~ 21:32.
👹राहुकाल⚡12:05 - 13:25.
🏵अभिजीत मुहुर्त~❎
☄️होमहुति~ केतु 19:37.
🔥अग्निवास~ पृथ्वी 21:32.
⚓दिशा शूल ~उत्तर
💥यात्रा ~
*बुधवार*
तिल या उससे निर्मित पदार्थ या राई डाले हुए पदार्थ का सेवन करें।
🏵शुभ दीपावली~
7-11-18{बुधवार}
🏵गोवर्द्धन पूजा~
8-11-18{गुरुवार}
🏵भाई दूज~
9-11-18{शुक्रवार}
*संछेप में दिवाली पूजन*
🏵हिंदू धर्म में कोई भी पूजन प्रारंभ करते हुए इसकी शुरुआत गणेश पूजन से की जाती है। तो दिवाली पूजन में सबसे पहले श्री गणेश जी का ध्यान करें।
🏵इसके बाद गणपति को स्नान कराएं।
उन्हें नए वस्त्र और फूल अर्पित करें।
🏵इसके बाद देवी लक्ष्मी का पूजन शुरू करें।
🏵मां लक्ष्मी की प्रतिमा को पूजा स्थान पर रखें।
🏵मूर्ति में मां लक्ष्मी का आवाहन करें।
🏵हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करें कि वे आपके घर आएं।
🏵अब लक्ष्मी जी को स्नान कराएं स्नान पहले जल फिर पंचामृत और फिर वापिस जल से स्नान कराएं।
🏵उन्हें वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण और माला पहनाएं।
🏵इत्र अर्पित कर कुमकुम का तिलक लगाएं।
🏵अब धूप व दीप जलाएं और माता के पैरों में गुलाब के फूल अर्पित करें।
🏵इसके बाद बेल पत्र और उसके पत्ते भी उनके पैरों के पास रखें।
🏵11 या 21 चावल अर्पित कर आरती करें।
🏵आरती के बाद परिक्रमा करें।
🏵उन्हें भोग लगाएं और पूजन के दौरान
*'ऊँ महालक्ष्मयै नमः'*
मंत्र का जप करते रहें।
🏵मुख्यतः, अपने परिवार की परंपरा के अनुसार पूजन करें।
🏵दिवाली पूजन का मुहूर्त
शाम 17:57 से 19:53 तक।
प्रदोष काल:
शाम 17:27 बजे से 20:06 बजे तक।
वृषभ काल: 17:57 बजे से 19:53 बजे से तक।
अचार्य मुकेश
Astro Nakshatra 27
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