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Monday, 10 December 2018

मंगलवार का पंचांग | 11 दिसम्बर 2018 |अंगारक विनायकी चतुर्थी |आज का पंचांग| TODAY PANCHANG |

हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) और  5:- करण (Karan)

शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।



11 दिसम्बर 2018 मंगलवार का पंचांग




🌞↗️सूर्योदय - 07:08

🌞↘️सूर्यास्त - 17:21

🌕↗️चन्द्रोदय - 10:07

🌘↘️चन्द्रास्त - 20:58


पञ्चाङ्ग

🔘वार- मंगलवार


💠तिथि - शुक्ल पक्ष  


चतुर्थी 20:22 तक तदुपरांत पञ्चमी
तिथि का स्वामी चतुर्थ तिथि के स्वामी गणेशजी है तथा पंचमी तिथि के स्वामी सर्पदेव(नाग ) है ।

चतुर्थी तिथि के स्वामी विघ्नविनाशक गणपति जी है । इस तिथि का एक नाम खला भी है खला जिसका अर्थ है किसी विशेष परिणाम / सफलता का प्राप्त ना होना। इसलिए चतुर्थी तिथि में प्रारम्भ किए गए कार्यों के विशेष परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं।
इस तिथि के स्वामी विघ्नविनाशक श्री गणेश जी की आराधना से जीवन के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं। चतुर्थी को भगवान गणेश जी के मन्त्र "ॐ गं गणपतये नमः" का अवश्य ही जाप करें । इस दिन ज्यादा से ज्यादा इस मन्त्र का उच्चारण करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते है, कर्ज मिटता है । जीवन में धन, यश और बुद्दि की प्राप्ति होती है ।

नक्षत्र




उत्तराषाढा 01:30 P.M. तक
 तदुपरांत


                                                                  
                                                  श्रवण

उत्तराषाढा नक्षत्र के देवता विश्वदेव (अभिजित-विधि विधाता) है एवं श्रवण नक्षत्र के देवता गोविन्द ( विष्णु ) है ।

योग
ध्रुव - 10:41 P.M. तक तदुपरांत
व्याघात

करण
विष्टि (भद्रा)- 08:22 P.M., तक
बव - पूर्ण रात्रि तक



विक्रम संवत् 2075 संवत्सर (विरोधाकृत)

शक संवत - 1940 (विलंबी)

अयन - दक्षिणायण

वैदिक ऋतु/द्रिक ऋतु:- हेमन्त

मास - मार्गशीर्ष (अगहन) माह


सूर्य राशि - सूर्य राशि
वृश्चिक

चन्द्र राशि - चन्द्र राशि

मकर

सूर्य नक्षत्र
    
ज्येष्ठा

शुभ समय

अभिजित मुहूर्त
11:54  से 12:35 
अमृत काल
04:52, दिसम्बर 12 से 06:41, दिसम्बर 12
रवि योग
07:08 से 13:30
विजय मुहूर्त
13:56  से 14:37 
गोधूलि मुहूर्त
17:11 से 17:35 
सायाह्न सन्ध्या
17:21  से 18:44 
निशिता मुहूर्त
23:47  से 24:42 +, दिसम्बर 12
ब्रह्म मुहूर्त
05:18, दिसम्बर 12 से 06:13, दिसम्बर 12
प्रातः सन्ध्या
05:46, दिसम्बर 12 से 07:08, दिसम्बर 12

अशुभ समय

👹राहुकाल

14:48  से 16:04 

📛गुलिक काल
12:14  से 13:31 
☸️यमगण्ड
09:41 से 10:58 
दुर्मुहूर्त
09:10  से 09:51 
22:52से 23:47 
वर्ज्य
18:02  से 19:50 
भद्रा
07:08  से 20:22 

निवास और शूल

होमाहुति
बुध
⚓दिशा शूल⛵उत्तर


मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है । सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।


राहु वास:-पश्चिम

🔥अग्निवास
पृथ्वी
भद्रावास
पाताल - 20:22  तक
चन्द्र वास
दक्षिण


विशेष - चतुर्थी को मूली नहीं खानी चाहिए । (चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है । )

मुहूर्त - चतुर्थी रिक्ता तिथि है इसलिए इस दिन भी कोई भी नया, मांगलिक कार्य वर्जित है ।


ग्रह-स्थिति:

🌞सूर्य-राशि ~ वृश्चिक♏
🌙चंद्र-राशि~मकर
🏵सूर्य नक्षत्र~ ज्येष्ठा
🔺मंगल ~ कुम्भ♓
🔘बुध~ वृश्चिक♏
🔶बृहस्पति~वृश्चिक♏
◽शुक्र ~ तुला♎
◾शनि ~धनु♐
👹राहु ~ कर्क♋
👺केतु ~ मकर♒

                                       
                            
ACHARYA MUKESH,

ASTROLOGER,

ASTRO NAKSHATRA 27


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