हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan)
शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।
10 दिसम्बर 2018 सोमवार का पंचांग
🌞↗️सूर्योदय - 07:07
🌞↘️सूर्यास्त - 17:21
🌕↗️चन्द्रोदय - 09:22
🌘↘️चन्द्रास्त - 20:06
पञ्चाङ्ग
🔘वार-
सोमवार
💠तिथि - शुक्ल पक्ष
तृतीया 05:50 तदुपरांत चतुर्थी
तिथि का स्वामी - तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव है तथा चतुर्थ तिथि के स्वामी गणेशजी है ।
तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर जी है । तृतीया को जया तिथि भी कहा गया है। केवल बुधवार की तृतीया को छोड़कर यह तिथि सभी शुभ कार्यों में सफलता दिलाने वाली कही गई है।
तृतीया तिथि में माँ गौरी जी की दूध मिठाई, अक्षत और सफ़ेद फूल से पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख सौभाग्य की वृद्धि होती है। तृतीया को देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर जी पूजा करने से जातक को विपुल धन-धान्य, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर मिश्री चढ़ाकर फिर जल चढ़ाएं। अथवा किसी भी शिव मंदिर में मिश्री का पैकेट अर्पित करें।
नक्षत्र
पूर्वाषाढा - 10:38 तक
उत्तराषाढा
पूर्वाषाढा नक्षत्र के देवता क्षीर (जल ) है एवं उत्तराषाढा नक्षत्र के देवता विश्वदेव (अभिजित-विधि विधाता) है ।
योग
वृद्धि - 09:50 P.M.तक
ध्रुव
करण
गर - 05:50 P.M. तक
वणिज - 07:04 A.M., दिसम्बर 11 तक
विष्टि
विक्रम संवत् 2075 संवत्सर (विरोधाकृत)
शक संवत - 1940 (विलंबी)
अयन - दक्षिणायण
वैदिक ऋतु/द्रिक ऋतु:- हेमन्त
मास - मार्गशीर्ष (अगहन) माह
सूर्य राशि - सूर्य राशि
वृश्चिक
चन्द्र राशि - चन्द्र राशि
धनु
17:19 तक
मकर
सूर्य नक्षत्र
ज्येष्ठा
शुभ समय
अभिजित मुहूर्त
11:53 ए.एम. से 12:34 पी.एम.
अमृत काल
06:20 ए.एम., दिसम्बर 11 से 08:08 ए.एम., दिसम्बर 11
रवि योग
10:38 ए.एम. से 07:08 ए.एम., दिसम्बर 11
विजय मुहूर्त
01:56 पी.एम. से 02:37 पी.एम.
गोधूलि मुहूर्त
05:10 पी.एम. से 05:34 पी.एम.
सायाह्न सन्ध्या
05:21 पी.एम. से 06:43 पी.एम.
निशिता मुहूर्त
11:47 पी.एम. से 12:42 ए.एम., दिसम्बर 11
ब्रह्म मुहूर्त
05:17 ए.एम., दिसम्बर 11 से 06:13 ए.एम., दिसम्बर 11
प्रातः सन्ध्या
05:45 ए.एम., दिसम्बर 11 से 07:08 ए.एम., दिसम्बर 11
अशुभ समय
👹राहुकाल
08:24 ए.एम. से 09:40 ए.एम.
📛गुलिक काल
01:30 पी.एम. से 02:47 पी.एम.
☸️यमगण्ड
10:57 ए.एम. से 12:14 पी.एम.
दुर्मुहूर्त
12:34 पी.एम. से 01:15 पी.एम.
02:37 पी.एम. से 03:18 पी.एम.
वर्ज्य
07:35 पी.एम. से 09:23 पी.एम.
भद्रा
07:04 ए.एम., दिसम्बर 11 से 07:08 ए.एम., दिसम्बर 11
निवास और शूल
होमाहुति
सूर्य - 10:38 ए.एम. तक
बुध
⚓दिशा शूल⛵पूर्व
सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । इस दिन कार्यो में श्रेष्ठ सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
राहु वास:-उत्तर-पश्चिम
🔥अग्निवास
पाताल - 05:50 पी.एम. तक
पृथ्वी
भद्रावास
पाताल से 07:04 ए.एम., दिसम्बर 11 से पूर्ण रात्रि
चन्द्र वास
पूर्व - 05:19 पी.एम. तक
दक्षिण से 05:19 पी.एम. से पूर्ण रात्रि
विशेष - तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए (तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है । )
मुहूर्त (Muhurt) -तृतीया तिथि को यात्रा , शिल्प , चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश शुभ है।
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