Contact:9999782755/ 7678689062

PAY NOW

Wednesday, 12 December 2018

बृहस्पतिवार, दिसम्बर 13, 2018 का पञ्चाङ्ग | Today Panchang| Acharya Mukesh|

हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) और  5:- करण (Karan)

शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।



13 दिसम्बर 2018 बृहस्पतिवार का पंचांग




🌞↗️सूर्योदय - 07:09

🌞↘️सूर्यास्त - 17:21

🌕↗️चन्द्रोदय - 11:27

🌘↘️चन्द्रास्त - 22:43


पञ्चाङ्ग

🔘वारबृहस्पतिवार


💠तिथि - शुक्ल पक्ष  

षष्ठी - 25:48+ तक

तिथि का स्वामी ( कार्तिकेय )- मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी मनाई जाती है। इस त्योहार को स्कंद षष्ठी भी कहा जाता है। यह त्योहार भगवान शिव के अवतार खंडोबा को समर्पित है। भगवान खंडोबा को किसानों का देवता माना जाता है। भगवान कार्तिकेय ने स्कंद षष्ठी को ही दैत्य तारकासुर का वध किया था। इसी तिथि को वह देवताओं की सेना के सेनापति बने थे।

चंपा षष्ठी भगवान कार्तिकेय को अति प्रिय है। भगवान कार्तिकेय को चम्पा के फूल पसंद हैं। इस कारण इस दिन को चंपा षष्ठी कहा जाता है। इस व्रत के प्रभाव से जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। यह व्रत करने से पिछले जन्म के पाप धुल जाते हैं और जीवन सुखमय हो जाता है। भगवान कार्तिकेय मंगल ग्रह के स्वामी हैं। मंगल को मजबूत करने के लिए इस दिन भगवान कार्तिकेय का व्रत करना चाहिए। स्कंदपुराण भगवान कार्तिकेय को ही समर्पित है। स्कंद षष्ठी के दिन व्रतधारी को दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर भगवान कार्तिकेय का पूजन करना चाहिए। घी, दही, जल और पुष्प से अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। रात्रि में भूमि पर शयन करना चाहिए। इस दिन तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।

नक्षत्र


धनिष्ठा - 07:46 P.M. तक


उत्तराषाढा नक्षत्र के देवता विश्वदेव (अभिजित-विधि विधाता) है एवं श्रवण नक्षत्र के देवता गोविन्द ( विष्णु ) है ।

योग
हर्षण - 12:39 A.M.

करण
कौलव - 12:28 P.M., तक
तैतिल - 01:49 A.M., दिसम्बर 14


विक्रम संवत् 2075 संवत्सर (विरोधाकृत)

शक संवत - 1940 (विलंबी)

अयन - दक्षिणायण

वैदिक ऋतु/द्रिक ऋतु:- हेमन्त

मास - मार्गशीर्ष (अगहन) माह


सूर्य राशि - सूर्य राशि
वृश्चिक

चन्द्र राशि - चन्द्र राशि

कुम्भ♓

सूर्य नक्षत्र
    
ज्येष्ठा

शुभ समय

अभिजित मुहूर्त
11:54 - 12:35
अमृत काल
08:52 से 09:48


अशुभ समय

👹राहुकाल

13:32  से 14:48 


निवास और शूल

होमाहुति
बुध 19:46

⚓दिशा शूल⛵दक्षिण में



🔥अग्निवास
पृथ्वी 25:49+


ग्रह-स्थिति:

🌞सूर्य-राशि ~ वृश्चिक♏
🌙चंद्र-राशि~मकर
🏵सूर्य नक्षत्र~ ज्येष्ठा
🔺मंगल ~ कुम्भ♓
🔘बुध~ वृश्चिक♏
🔶बृहस्पति~वृश्चिक♏
◽शुक्र ~ तुला♎
◾शनि ~धनु♐
👹राहु ~ कर्क♋
👺केतु ~ मकर♒

नोट :- पंचांग ( Panchang ) को नित्य पढ़ने से जीवन से विघ्न दूर होते है, कुंडली के ग्रह भी शुभ फल देने लगते है। अत: सभी जातको को नित्य पंचाग को अनिवार्य रूप से पढ़ना ही चाहिए और अपने इष्ट मित्रो को भी इससे अवगत कराना चाहिए ।
                                       
                            
ACHARYA MUKESH,

ASTROLOGER,

ASTRO NAKSHATRA 27


0 comments:

Post a Comment