हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है।
Panchang, पंचाग, ( हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
शास्त्रों के अनुसार नित्य उस दिन की तिथि का नाम लेने उसका नाम सुनने से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
वार का नाम लेने सुनने से आयु में वृद्धि, नक्षत्र का नाम लेने सुनने से पापो का नाश होता है। योग का नाम लेने सुनने से प्रियजनों का प्रेम मिलता है और, करण का नाम लेने सुनने से समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती है ।
इसलिए निरंतर शुभ समय के लिए प्रत्येक मनुष्य को नित्य पंचांग को देखना ,पढ़ना चाहिए ।
🏵दिन~ बुधवार
🏵विक्रम सम्वत्~2075(विरोधाकृत)
🏵शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🏵द्रिक अयन~दक्षिणायण
🏵द्रिक ऋतु~हेमंत
🌞↗️सूर्योदय~07:08.
☀️↘️सूर्यास्त~17:21.
🌙↗️चन्द्रोदय~10:49.
🌛↘️चन्द्रास्त~ 21:50.
🏵मास~मार्गशीर्ष
⬜पक्ष~शुक्ल पक्ष
🏵तिथि ~पंचमी 23:06.
तिथि का स्वामी - पंचमी तिथि के स्वामी सर्पदेव(नाग ) जी है तथा षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय जी है
पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन नाग देव की पूजा करने से भय तथा कालसर्प दोष दूर होता है। पंचमी को नाग देवता का पूजन करने से घर में किसी की भी सांप काटने से मृत्यु नहीं होती है और अगर सांप काटने से किसी की मृत्यु हो भी गयी हो तो उसे मुक्ति मिलती है, जातक को निर्भयता प्राप्त होती है । पंचमी तिथि को पूर्णा भी कहते है। इस तिथि में कोई भी नया कार्य शुरू करने से उसमे सफलता मिलने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है वह कार्य बहुत लम्बे समय तक चलते है । लेकिन पौष माह की पंचमी को कोई भी नया कार्य नहीं करना चाहिए । शास्त्रों में पंचमी तिथि को कटहल, बिल्ब, और खटाई खाने को मना किया गया है ।
🏵चंद्रराशि~ मकर
🏵चंद्र नक्षत्र ~श्रवण 16:37.
नक्षत्र के देवता एवं ग्रह्स्वामी :- श्रवण नक्षत्र के देवता गोविन्द ( विष्णु ) जी है एवं धनिष्ठा नक्षत्र के देवता वसु (आठ प्रकार के वसु ) जी है ।
नक्षत्र के देवता एवं ग्रह्स्वामी :- श्रवण नक्षत्र के देवता गोविन्द ( विष्णु ) जी है एवं धनिष्ठा नक्षत्र के देवता वसु (आठ प्रकार के वसु ) जी है ।
🏵योग ~ व्याघात 23:41.
🏵सूर्य ~ वृश्चिक
🏵सूर्य नक्षत्र~ ज्येष्ठा
🏵मंगल ~ कुम्भ♓
⚙️बुध~ वृश्चिक♏
🔆बृहस्पति~ वृश्चिक♏
☯️शुक्र ~ तुला♎
✴️शनि ~धनु♐
👹राहु ~ कर्क♋
👺केतु ~ मकर♒
🏵करण~
बव ~09:43.
बालव ~ 23:06.
👹राहुकाल~12:15 -13:31.
🏵अभिजीत मुहुर्त~ ❎
🏵गंडमूल ~
17-12-18 # 03:09 से,
19-12-18 04:39 तक।
25-12-18 # 15:56 से,
27-12-18 # 11:42.
🏵पंचक ~
13-12-18 # 06:11 . 18-12-18 # 04:17 तक
🏵होमहुति~ बुध
🔥अग्निवास ~ पाताल23:06.
🏵दिशा शूल~उत्तर
🚘यात्रा ~
*बुधवार*
तिल या उससे निर्मित पदार्थ या राई डाले हुए पदार्थ का सेवन करें।
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*ह्रीं नम: भगवति माहेश्वरि अन्नपूर्णे स्वाहा।।*
गैस पर अग्नि प्रज्वलित करने से पूर्व पांच बार इस मंत्र का जाप करने से सभी नवग्रहों को तृप्ति मिलती है। जीवन मे धन, धान्य, वैभव और सुख प्राप्त होता है। अतः ग्रहों की अनुकनलता के अनुसार रसोई घर में अन्नपूर्णा मंत्र जाप करते हुए भोजन पकाकर व्यक्ति अपने भाग्य मे परिवर्तन कर सकता है।
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नोट :- पंचांग ( Panchang ) को नित्य पढ़ने से जीवन से विघ्न दूर होते है, कुंडली के ग्रह भी शुभ फल देने लगते है। अत: सभी जातको को नित्य पंचाग को अनिवार्य रूप से पढ़ना ही चाहिए और अपने इष्ट मित्रो को भी इससे अवगत कराना चाहिए ।
आचार्य मुकेश
Astro Nakshatra 27 से
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