Contact:9999782755/ 7678689062

PAY NOW

Thursday, 13 December 2018

14 दिसम्बर शुक्रवार का पंचांग (SHUKRAWAR KA PANCHANG), आज का पंचांग (AAJ KA PANCHANG)


हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) और  5:- करण (Karan)

शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।

शास्त्रों के अनुसार नित्य उस दिन की तिथि का नाम लेने उसका नाम सुनने से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
वार का नाम लेने सुनने से आयु में वृद्धि, नक्षत्र का नाम लेने सुनने से पापो का नाश होता है।
योग का नाम लेने सुनने से प्रियजनों का प्रेम मिलता है और करण का नाम लेने सुनने से समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती है। इसलिए निरंतर शुभ समय के लिए प्रत्येक मनुष्य को नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।



14 दिसम्बर 2018  शुक्रवार  का पंचांग




🌞↗️सूर्योदय - 07:10

🌞↘️सूर्यास्त - 17:22

🌕↗️चन्द्रोदय - 12:02

🌘↘️चन्द्रास्त - 23:36


पञ्चाङ्ग

🔘वारशुक्रवार 


💠तिथि - शुक्ल पक्ष  

सप्तमी  28:15+


तिथि का स्वामी - सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्यदेव जी है । 

सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य है। सूर्य देव इस संसार प्रत्यक्ष देव है जो अपनी किरणों, अपने प्रकाश से इस ब्रह्माण्ड को आलोकिक करते है। सप्तमी तिथि को भगवान सूर्यदेव का जन्मदिन माना जाता है और इसी दिन सूर्य देव अपनी पत्नी संज्ञा से दोबारा मिले थे इसके कारण यह तिथि सूर्य भगवान को बहुत प्रिय है।

कार्यों में सफलता, विद्द्या, तेज, मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए सप्तमी तिथि को सूर्य देव का पूजन अवश्य ही किया जाना चाहिए।

सप्तमी के दिन मीठा भोजन या फलाहार करने भोजन में नमक का सेवन ना करने से सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं ।

नक्षत्र


शतभिषा - 22:43  तक


पूर्व भाद्रपद




नक्षत्र के देवता एवं ग्रह्स्वामी :- शतभिषा नक्षत्र के देवता तो यम है एवं पूर्वभाद्र नक्षत्र के देवता अजचरण (अजपात नामक सूर्य ) है ।

योग

वज्र  25:26+ तक


करण

प्रथम करण : -गर 15:05 तक

द्वितीय करण : - वणिज 15 दिसम्बर प्रात: 04:16



विक्रम संवत् 2075 संवत्सर (विरोधाकृत)

शक संवत - 1940 (विलंबी)

अयन - दक्षिणायण

वैदिक ऋतु/द्रिक ऋतु:- हेमन्त

मास - मार्गशीर्ष (अगहन) माह


सूर्य राशि - सूर्य राशि
वृश्चिक

चन्द्र राशि 
कुम्भ

सूर्य नक्षत्र
    
ज्येष्ठा

शुभ समय

अभिजित मुहूर्त
11:55 - 12:36
अमृत काल
14:38 से 16:26


अशुभ समय

👹राहुकाल

10:49  से 12:16


राहुकाल :- राहुकाल में कोई भी नया शुभ कार्य एवं यात्रा नहीं करनी चाहिए।

पञ्चक:- पूरे दिन

पंचक शुरू 
13 दिसंबर, 2018 (गुरुवार) 06:12 बजे
पंचक  समाप्त 
18 दिसंबर, 2018 (मंगलवार) 04:18 बजे


भारतीय ज्योतिष के अनुसार अशुभ समय में किए काम मनचाहा परिणाम नहीं देते। यही कारण है कि पंचक में बहुत से शुभ काम करने की मनाही है।


निवास और शूल

होमाहुति
शुक्र

⚓दिशा शूल⛵पश्चिम में



🔥अग्निवास
पाताल - 28:15+ तक


ग्रह-स्थिति:

🌞सूर्य-राशि ~ वृश्चिक♏
🌙चंद्र-राशि~मकर
🏵सूर्य नक्षत्र~ ज्येष्ठा
🔺मंगल ~ कुम्भ♓
🔘बुध~ वृश्चिक♏
🔶बृहस्पति~वृश्चिक♏
◽शुक्र ~ तुला♎
◾शनि ~धनु♐
👹राहु ~ कर्क♋
👺केतु ~ मकर♒

नोट :- पंचांग ( Panchang ) को नित्य पढ़ने से जीवन से विघ्न दूर होते है, कुंडली के ग्रह भी शुभ फल देने लगते है। अत: सभी जातको को नित्य पंचाग को अनिवार्य रूप से पढ़ना ही चाहिए और अपने इष्ट मित्रो को भी इससे अवगत कराना चाहिए ।
                                       
                            
ACHARYA MUKESH,

ASTROLOGER,

ASTRO NAKSHATRA 27


0 comments:

Post a Comment