हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog) और
5:- करण (Karan)
शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।
03 दिसम्बर 2018 का पंचांग :-
🍁दिन~ सोमवार
🌞↗️सूर्योदय :- प्रातः 07:02
☀️↘️सूर्यास्त :- सायं 05:20
🌜↗️चन्द्रोदय~03:50 AM+. ↘️चन्द्रास्त~ 14:59.
✡️विक्रम सम्वत्~ 2075(विरोधाकृत)
🍁शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🍁द्रिक अयन~ दक्षिणायण
🌼द्रिक ऋतु~शरद
🌼मास~मार्गशीर्ष(अगहन)
⚫पक्ष~कृष्ण पक्ष
🔟तिथि ~ एकादशी 13:00 तक
एकादशी के दिन भगवान श्रीविष्णु का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने से भगवान अपने भक्त से शीघ्र प्रसन्न हो जाते है जातक को जीवन में कभी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है ,उसका घर सदैव धन धान्य से भरा रहता है ।
एकादशी के दिन भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल / जल भरकर उस से भी अभिषेक करें । इस उपाय से माँ लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती है और जातक पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की पूर्ण कृपा होती हैं।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर मिश्री चढ़ाकर फिर जल चढ़ाएं। अथवा किसी भी शिव मंदिर में मिश्री का पैकेट अर्पित करें।
🔴वार :- सोमवार
🔆नक्षत्र :-
नक्षत्र के देवता एवं ग्रह्स्वामी :- चित्रा नक्षत्र के देवता विश्वकर्मा है एवं स्वाती नक्षत्र के देवता समीर है ।
योग (Yog) - सौभाग्य 4 दिसम्बर 01:24, शोभन
प्रथम करण : - बालव 01:00
द्वितीय करण : - कौलव 4 दिसम्बर 12:37 , तैतिल
गुलिक काल : - दोपहर 1:30 से 3 बजे तक 👹राहुकाल :- सोमवार को राहुकाल सुबह- 08:19 से 09:36 तक । राहुकाल में कोई भी नया शुभ कार्य एवं यात्रा नहीं करनी चाहिए।
यमगण्ड :-10:54 AM से 12:11 PM
दुर्मुहूर्त:-12:31 PM से 01:13 PM 02:35 PM से 03:16 PM
☢️दिशाशूल - सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । इस दिन कार्यो में श्रेष्ठ सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
विशेष - एकादशी में चावल और सेम की फली नहीं खानी चाहिए , इस दिन इनके सेवन से पाप और रोग बढ़ता है ।
पर्व त्यौहार- उत्पन्ना एकादशी
मुहूर्त -एकादशी व्रत, उपवास, धार्मिक कृत्य, देवोत्सव, उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।
ग्रह-स्थिति:
🌞सूर्य-राशि ~ वृश्चिक♏
🌙चंद्र-राशि~कन्या♍ 02:53
🏵सूर्य नक्षत्र~ ज्येष्ठा-1
🔺मंगल ~ कुम्भ♓
🔘बुध(वक्री↩️)~ वृश्चिक♏
🔶बृहस्पति(अस्त⬇️)~वृश्चिक♏
◽शुक्र ~ तुला♎
◾शनि ~धनु♐
👹राहु ~ कर्क♋
👺केतु ~ मकर♒
🔥अग्निवास~आकाश - 13:00 तक, पाताल
नोट :- पंचांग ( Panchang ) को नित्य पढ़ने से सभी देवता प्रसन्न रहते है, जीवन से विघ्न दूर होते है, कुंडली के ग्रह भी शुभ फल देने लगते है। अत: सभी जातको को नित्य पंचाग को अनिवार्य रूप से पढ़ना ही चाहिए और अपने इष्ट मित्रो को भी इससे अवगत कराके पुण्य भी अर्जित करना चाहिए ।
आचार्य मुकेश
Astro Nakshatra 27
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