पौष माह की स्नान दान की अमावस्या 5 जनवरी को है। इस दिन शनिवार होने से शनिश्चरी अमावस्या है।
अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण देने, गरीबों को दान देने और गंगा जी या पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है और पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।
अमावस्या के दिन व्रत रखने से भी कष्टों और संकट से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों पर कालसर्प दोष होता है इस दिन उपाय करने से उन्हें भी मुक्ति मिलती है।
इस दिन व्रत रखकर सायंकाल में शनि पूजन और शनि की वस्तुओं के दान और शनि के मंत्र जैसे ‘‘ऊं शं शनैश्चराय नमः। ‘‘प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः के जाप से शनि प्रसन्न होते है। वर्तमान में शनि की साढ़े साती मकर, धनु, वृश्चिक राशि पर चल रही है और शनि की ढैया वृषभ और कन्या राशि में चल रही है।
नए साल में शनिश्चरी अमावस्या में कार्यक्षेत्र में लाभ मिलने वाला है. शनि के पुष्य नक्षत्र से पौष महीना है. पौष के शनिवार को अमावस्या आ गयी है. धनु राशि में शनि के साथ सूर्य बुध और चंद्र है. ग्रह नक्षत्रों का संयोग बना है. यह एक राजयोग है. उपाय से नई नौकरी लगेगी या पुरानी नौकरी में तीन गुना धन लाभ होगा।
शनि व्यापारियों या उद्योगपतियों को लाभ देगा। सरसों का तेल या तिल के तेल का ख़ास प्रयोग करें. बेसन के पकोड़े सरसों तेल में तलकर बांटें. तिल के तेल दीपक घर, दुकान या फैक्ट्री में जलाएं।
शनि अमावस्या 2019 : क्या न करें
शास्त्रों के अनुसार शनि अमावस्या के दिन भूलकर भी बाल और नाखून नहीं काटना अथवा कटवाना चाहिए। शनि अमावस्या के दिन ऐसा करना अशुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शनि अमावस्या पर बाल और नाखून बनवाने से शनिदेव रूष्ट होते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को आर्थिक टंगी अथवा आर्थिक रुकावटें आती हैं।
शनि अमावस्या के दिन गरीब और भूखे भिखारियों के बीच दान करने से मनुष्य शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त करता है। इसलिए शनि अमावस्या के दिन यदि कोई भूखा व्यक्ति आए तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
शनि अमावस्या के दिन जब कभी भी शनिदेव के दर्शन करने जाएं तो भूलकर भी उनकी आंखों में आंख डालकर उन्हें नहीं देखना चाहिए। इस दिन शनिदेव के पैरों के दर्शन करने चाहिए।
शनि अमावस्या के दिन किसी भी स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव क्रोधित होते हैं और दोषी को अपने कोप का भाजन बनाते हैं। शास्त्रों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि शनि की कृपा पाने के लिए महिला का सम्मान करना चाहिए।
राशि अनुसार शनि क्या करेगा ?
मेष- शनि नयी नौकरी या नया व्यापार देगा, स्टील का कड़ा पहनें।
वृष- शनि क़र्ज़ ,रोग या शत्रु या मुक़दमे से मुक्ति देगा, गले में पीपल की लकड़ी काले धागे में पहनें।
मिथुन- शनि मशहूर और अमीर बनाएगा, पढ़ाई अच्छी होगी. जरूरतमंदों को खाना खिलाएं. नीला रूमाल रखें।
कर्क- शनि मान सम्मान में वृद्धि और वाहन सुख देगा. आठ मुखी रुद्राक्ष काले धागे या स्फटिक की माला पहनें।
सिंह- शनि भाई बहनों को धन लाभ देगा या दाम्पत्य सुख बढ़ेगा. शनिवार को काले वस्त्र पहनें. काले वस्त्र दान दें।
कन्या- शनि, जमीन-जायदाद में तीन गुना लाभ देगा, नया एडमिशन देगा. स्टील के पात्र में काले तिल तिजोरी या अलमारी में रखें।
तुला- शनि नयी नौकरी ,प्रोमोशन और स्थान परिवर्तन देगा, मिटटी के घड़े में जौ घर पर रखें।
वृश्चिक- शनि विदेश में नौकरी या पढाई करने भेज सकता है. स्टील की कटोरी में सरसों तेल रखकर पलंग के नीचे रखें।
धनु- शनि, नौकरी-व्यापार-शिक्षा में तीन गुना उन्नति देगा. लोहे की अंगूठी मध्यमा में पहनें. उड़द दान करें।
मकर- शनि नौकरी बदलेगा, नौकरी में अड़चन देगा. झूठ ना बोलें. तिल के लड्डू बांटें।
कुम्भ- शनि विदेश में नौकरी लगा सकता है. पिता से लड़ाई ना करें. मुख्य द्वार पैट सरसों तेल दीपक जलाएं।
मीन- प्राइवेट नौकरी में प्रमोशन होगा. सैलरी बढ़ जाएगी. शनि देव को लड्डू चढ़ाएं।
जानें पूजा विधि2. पश्चिम दिशा की ओर एक चौकी रखकर उस पर काला वस्त्र बिछाएं, श्याम रंग के नीले, लाजवंती पुष्प बिछाएं तथा पीपल के पत्ते पर शनि यन्त्र स्थापित करें।
3. सरसों के तेल का दीपक, धूप जलाएं, नौवेद्य चढ़ाने के लिए काले उड़द का हलवा, काले तिल से बने लड्डू, अक्षत, गंगाजल, बेल पत्र, काले रंग के फूल आदि रखें।
4. चौकी के चारों ओर तिल के तेल से भरी कटोरियां रखें, इसमें काले तिल के दाने, एक सिक्का, एक पंचमुखी रूद्राक्ष डालें।
5. शनि के मन्त्रों का जाप, साधना आदि करने के बाद 07 अथवा 11 शनिवार को इन कटोरियों में अपने चेहरे की छाया देखने के बाद शनिदेव जी का स्मरण के साथ शनि का दान लेने वालों को दे दें।
इस प्रकार पूजा करने से दुर्घटना, गंभीर रोग, अकाल मृत्यु, शास्त्राघात से शनिदेव मुक्त रखते हैं।
ACHARYA MUKESH
ASTRO NAKSHATRA 27
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