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Acharya Mukesh

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

Acharya Mukesh...Astro Nakshatra 27

“कुछ अलग करना है, तो भीड़ से हट कर चलो, भीड़ साहस तो देती है, पर पहचान छिन लेती है।”

True remedies by Dr.Mukesh

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Kundli analysis, Vastu, Palmistry and effective Remedies.

Monday, 16 April 2018

क्यों वर्जित है पूर्ण निर्वस्त्र होकर स्नान करना ?


हमारे जीवन में रोज का सबसे प्रथम और महत्वपूर्ण हिस्सा है नहाना ! आधुनिक युग में स्नान करने की क्रिया में काफी बदलाव आया है ! पहले जहां लोग खुले में, नदी में, तालाब में स्नान किया करते थे वही अब स्नान करने के लिए आधुनिक स्नान घर बनवा रहे हैं, जो पूरी तरह गोपनीय बने रहते हैं. हम में से अधिकतर लोग पूरे कपड़े उतार कर स्नान करना पसंद करते हैं जो कि स्वाभाविक है और आम बात है ! ज्यादातर हाई प्रोफाइल घरों की महिलाए व तमाम पुरूष बाथ-टब में नहाने का आनंद लेने के लिए पूरे कपड़े उतार कर होकर नहाते है। 




लेकिन आध्यात्म के नजरियों से यह तरीका गलत होता है। पद्मपुराण  एवं गरुड़ पुराण में निर्वस्त्र होकर स्नान करना वर्जित माना गया है और साथ ही इसके कई नुकसान भी बताए गए हैं ! 

इसलिए आप हमेशा ध्यान रखें आप कहीं भी नहा रहे हैं चाहे बाथरूम में हो या फिर कहीं और आपके शरीर पर एक वस्त्र होना ही चाहिए।
               

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पद्मपुराण में निर्वस्त्र होकर नहाना वर्जित है

पद्मपुराण और श्रीमद्भाग्वत कथा में इसका उल्लेख भी है जिसमें ये लिखा है कि जब गोपियाँ निर्वस्त्र हो कर नदी में स्नान करने जाती हैं तो श्रीकृष्ण उनके कपडे चुरा कर पेड़ पर टांग देते हैं और जब वो बिना कपडे के बाहर नही आ पाती है ! 
तो उनसे प्रार्थना करती हैं की उनके कपड़े लौट दिए जाये। श्री कृष्‍ण कन्याओं से पूछते हैं जब न‌िर्वस्‍त्र होकर जल में गई थी तब शर्म नहीं आयी थी। तो गोपिया कहती है कि उस समय यहाँ कोई न ही था लेकिन श्री कृष्‍ण कहते हैं यह तुम सोचती हो क‌ि मैं नहीं था, लेक‌िन मैं तो हर पल हर जगह मौजूद होता हूं।




यहां आसमान में उड़ते पक्ष‌ियों और जमीन पर चलने वाले जीवों ने तुम्हें न‌िर्वस्‍त्र देखा। तुम न‌‌िर्वस्‍त्र होकर जल में गई तो जल में मौजूद जीवों ने तुम्हें न‌िर्वस्‍त्र देखा और तो और जल में नग्न होकर प्रवेश करने से जल रूप में मौजूद 


वरुण देव ने तुम्हें नग्न देखा और यह उनका अपमान है और तुम इसके ल‌िए पाप के भागी हो। वो कहते हैं कि आपकी नग्नता आपको पाप का भोगी बनाती है।




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क्या लिखा है इस बारे में गरुड़पुराण में:

गरुड़ पुराण के अनुसार नहाते समय हमारे पितर यानी पूर्वज (Ancestor) हमारे साथ होते है और वस्त्रों से गिरने वाले जल को ग्रहण करते हैं, जिनसे उनकी तृप्ति होती है। पर अगर हम वस्त्र पहनकर नहीं नहाते तो वो अतृप्त हो जाते हैं। और उनके अतृप्त होने से हमारे जीवन में तेज ,धन, बल, और सुख आदि का नाश होता है एक चीज़ और बता दे आपको बता दे कि कई अन्य धर्मों में इसका उल्लेख भी मिलता है।

हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो like और share जरूर करें ताकि अन्य लोग भी इस जानकारी का लाभ उठा पाएं ! दोस्तों मुझे पता है की आज के दौर में ये बातें बेमानी लगती है परन्तु सफल लोग हमेशा से वेदों और पुराणों  में लिखी बातें अमल करते आये हैं ! अगर हमारी छोटी सी एक कोशिश  हमें और अच्छा बनाती है तो इसे मानने में समस्या नहीं होनी चाहिए ! गीता के उपदेश गलत नहीं, हमारे  बुजुर्गों की बात गलत नहीं हो सकती क्योंकि उसमे हमारी आज की LOGIC नहीं वर्षों का तजुर्बा छिपा होता है  ! इसलिए क्यों न पूछें बस कुछ बातें यूँ होती है ! 


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Saturday, 14 April 2018

"अक्षय तृतीया पर घर लाएं यह 9 वस्तुएं, देवी लक्ष्मी खुद आएंगी आपके घर" Akshay Tritiya 2018

"अक्षय तृतीया पर घर लाएं यह 9 वस्तुएं, देवी लक्ष्मी खुद आएंगी आपके घर"





वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस बार अक्षय तृतीया 18 अप्रैल को है और इस दिन आप कई शुभ कार्य कर सकते हैं. इस बार सूर्योदय पूर्व से लेकर रात्रि में 3:03 बजे तक अक्षय तृतीया रहेगी. वैसे तो कहा जाता है कि हर महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीय शुभ होती है, लेकिन अक्षय तृतीया का खास महत्व है !


अक्षय तृतीया के दिन मां रेणुका के गर्भ से विष्णु के अवतार भगवान परशुराम अवतरित हुए थे। चूंकि वह चिरंजीवी हैं इसलिए इस तिथि को चिरंजीवी तिथि भी कहा जाता है। अक्षय तृतीया पर कई उपाय आजमाए जाते हैं।


अक्षय तृतीया को शास्‍त्रों में अक्षय पुण्य और धन दायक कहा गया है। शास्‍त्रों में बताया गया है क‌ि इस द‌िन व्यक्त‌ि जो भी शुभ काम करता है उसका पुण्य कभी खत्म नहीं होता। उसी तरह इस द‌िन जो व्यक्त‌ि देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर लेता है उसके घर में हमेशा देवी लक्ष्मी का वास बना रहता है। आप भी चाहें तो इस अक्षय तृतीया अपने घर में देवी लक्ष्मी को बुलाने के यह उपाय आजमा सकते हैं।


-अक्षय तृतीया के दिन सोने चांदी की चीजें खरीदी जाती हैं। इससे बरकत आती है। अगर आप भी बरकत चाहते हैं इस दिन सोने या चांदी के लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें। क्योंकि जहां लक्ष्मी के चरण पड़ते हैं वहां अभाव नहीं रहता है।


-धन की देवी को अपने घर में लाना चाहते हैं तो इसके ल‌िए एक आसान तरीका यह भी है क‌ि अक्षय तृतीया के द‌िन पारद की देवी लक्ष्मी घर लाएं और न‌ियम‌ित इनकी पूजा करें। शास्‍त्रों में बताया गया है क‌ि पारद की देवी लक्ष्मी की प्रत‌िमा जहां होती है वहां कभी अभाव नहीं रहता है।


- अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखे इसमें देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इनका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है। देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां समुद्र से उत्पन्न हुई हैं।


-अक्षय तृतीया के द‌िन घर में श्री यंत्र की स्‍थापना भी धन की परेशानी दूर करने के ल‌िए कारगर माना गया है।


- अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियों में लाभ मिलता है।

- अक्षय तृतीया के दिन घर में पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।


- इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नता के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा आदि फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

अक्षय तृतीया के दिन यह 14 दान है महत्वपूर्ण :

 अक्षय तृतीया पर दान देने वाला सूर्य लोक को प्राप्त होता है। इस तिथि को जो व्रत करता है वह ऋद्धि, वृद्धि एवं श्री से संपन्न होता है। इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। अत: इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए।

1. गौ,


2. भूमि,


3. तिल,


4. स्वर्ण,


5. घी,


6. वस्त्र,


7. धान्य,


8. गुड़,


9. चांदी,


10. नमक,


11. शहद,


12. मटकी,


13 खरबूजा


14. कन्या

https://youtu.be/BZMwns35NVA

Thursday, 5 April 2018

आदतें सुधारें - भाग्य बदलें ( कहीं आप तो नहीं कर रहे ये 11 ग़लतियाँ )


गरुड़ पुराण के अनुसार कुछ ऐसी आदतें बताई गई हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति धन का सुख प्राप्त नहीं कर पाता है। यहां जानिए ये आदतें कौन-कौन सी हैं, जिनसे हमें बचना चाहिए. आदतों का संबंध भी हमारे भविष्य और हमें प्राप्त होने वाले सुख-दुख से भी है। आदतें बता देती हैं कि हमारी सोच कैसी है और स्वभाव कैसा है। इसीलिए आदतों को व्यक्तित्व का दर्पण भी कहा जाता है। शास्त्रों में कुछ आदतें ऐसी बताई गई हैं जो गलत हैं और अशुभ फल देती हैं। यहां जानिए कुछ ऐसी गलत आदतें, जिन्हें छोड़ देना चाहिए


सबसे बड़ी गलत आदत जो हम उठते ही करते हैं वो है बिस्तर और चादर को घर में बिखरा हुआ या गन्दा  ही छोड़ देना। ये राहु के अशुभ प्रभाव को बढ़ाने वाली आदत है। इसी कारण से हमारी दिनचर्या भी व्यवस्थित नहीं रहती है। कोई भी काम अच्छे से नहीं होतें।


अगर हमारे सोने वाली चीजें गन्दी और अच्छे से साफ नहीं होगा तो ये हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं है।


नहाने के बाद बाथरूम को गन्दा ही छोड़ देना। ये आदत से चंद्र से अशुभ प्रभाव मिलते हैं। क्योंकि चंद्र जल तत्व का कारक है। इसी कारण से हमें नहाने के बाद बाथरूम के गन्दगी और फर्श पे फैले पानी को साफ कर देना चाहिए। ऐसा करने से चेहरे पे तेज विकसित होता है और चंद्र देव से शुभ फल की प्राप्ति होती है।





खाना खाने के बाद जूठी थाली छोड़कर उठ जाना अच्छी आदत नहीं है। इस आदत के कारण कार्यों में स्थाई सफलता प्राप्त नहीं हो पाती है। अधिक मेहनत करने के बाद भी संतोषजनक फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं। खाना खाने के बाद जूठे बर्तनों को सही स्थान पर रखा जाए तो शनि और चंद्र के दोष दूर होते हैं। साथ ही,लक्ष्मी की प्रसन्नता भी मिलती हैं।




रसोईघर  को गन्दा रहने देना भी हमारी सबसे गलत आदत हैं। यदि किचन में अच्छे से साफ-सफाई नहीं होती है तो मंगल-ग्रह के गलत प्रभाव दोष के रूप में बढ़ते हैं।



हम हमेशा छोटी-छोटी चीजों की गलतियों के लिए बुजुर्गों जैसे की दादा-दादी या नाना-नानी का अपमान करते हैं और उन्हें हम बुरा-भला बोलते और उनका मजाक तक भी बनाते हैं। लेकिन ऐसा करने सेराहु का कोप बढ़ता है ! हमारे घर की बरकत ख़त्म हो जाती है।


आपने ध्यान दिया होगा की हम जब भी कही से आते या जातें हैं तो जल्दी-जल्दी में अपने जूते-चप्पल को हम इधर-उधर बिखेर(फ़ेंक) के जाते हैं।  हमारे शास्त्रों में कहा गया है की घर में जूते-चप्पल को यदि व्यवस्थित ढंग से नहीं रखा गया तो इस कारणवश शत्रु भय बढ़ता है।  इन आदतों से मान- सम्मान में कमी आती है।


हम जब गुस्सा होते है तो जोर-जोर से बलते हैंऐसा करने से सामने या जिसके कारण हम गुस्सा हुए हैं उन्हें कुछ नहीं होता, बल्कि इससे हमें ही नुक्सान होता हैजोर-जोर से बोलने से "शनि" दोष बढ़ता हैऐसा करने से अन्य लोगों को भी परेशानी होती हैं 






सुबह देर तक सोने से "सूर्यअशुभ फल देने लगता हैसूर्य  मान-सम्मान एवं यश का कारक है !अतः देर तक सोने से बचें अन्यथा बुरे परिणाम प्राप्त होंगे ! कार्य में विलम्ब एवंआलस्य की अधिकता होगी !


देखें पूरा  वीडियो :