🌻आज का हिन्दू पँचांग 28 October 2018🌻
🌹➡️दिन~ रविवार ।
🌺➡️विक्रम सम्वत्~2075(विरोधाकृत)
🌸➡️शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🌸➡️द्रिक अयन~दक्षिणायण।
💮➡️द्रिक ऋतु~शरद।
🌞↗️सूर्योदय~06:34.
🌞↘️सूर्यास्त~17:35.
🌗↗️चन्द्रोदय~ 20:46.
🌗↘️चन्द्रास्त~ 09:53.
🌟➡️मास~कार्तिक।
🌠➡️पक्ष~कृष्ण पक्ष ।
🌓➡️तिथि ~ चतुर्थी 16:55.
🌙➡️चंद्रराशि~ वृषभ।
🌠➡️चंद्र नक्षत्र ~ रोहिणी 07:24.
🌈➡️योग ~परिघ 22:42+.
❄️➡️सूर्य राशि~ तुला।
❄️➡️सूर्य नक्षत्र~ स्वाति।
🏵➡️मंगल ~ मकर ♒
🏵➡️बुध ~ वृश्चिक♏
🏵➡️बृहस्पति~वृश्चिक♏
🏵➡️शुक्र (वक्री,अस्त)~ तुला♎
🏵➡️शनि ~धनु♐
🏵➡️राहु ~ कर्क♋
🏵➡️केतु ~ मकर♒
🏵➡️करण~ बालव~16:55. कौलव ~ 28:00+.
👹➡️राहुकाल~ 16:13 - 17:35.
🌺➡️अभिजीत मुहुर्त~11:43 - 12:27.
🌿↘️गंडमूल ~
31-10-18# 26:34 से,
02-11-18# 23:59 तक।
🔴➡️होमहुति~ मंगल
🔴➡️अग्निवास~ आकाश 16:55.
🔮➡️दिशा शूल~पश्चिम।
⚙️यात्रा 🚴
*रविवार* यात्रा प्रारंभ करते समय शक्कर अथवा उससे बने पदार्थ खाकर या घी अथवा उससे बने पदार्थ सेवन कर यात्रा करें तो सफलता मिलती है। यदि घी-शक्कर दोनों से संयुक्त व्यंजन का सेवन किया जाए तो सफलता मिलने की संभावना प्रबल होती है।
➡️अहोई अष्टमी~3 1-10-18(बुधवार)
➡️कार्तिक मास का नाम शास्त्रों में दामोदर मास नाम से भी मिलता है। शास्त्रों के अनुसार ये भी माना जाता है कि इन दिनों में पितरों को दीप दान देने से उन्हें नरक से मुक्ति मिलती है।
➡️यह माना जाता है कि इस मास में हर नदी का जल गंगा के समान पवित्र होता है। जो इस माह में डुबकी लगाते है उसे कुंभ में स्नान करने की तरह फल मिल जाता है।
➡️जैसे सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं, गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं, वैसे ही कार्तिक के समान कोई मास नहीं।
💥 विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 💥
♦️रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
♦️ रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥♦️ रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥♦️ स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
➡️इन पाँच दिन जरूर जरूर करें दीपदान↘️
*अगर किसी विशेष कारण से कार्तिक में प्रत्येक दिन आप दीपदान करने में असमर्थ हैं तो पांच विशेष दिन जरूर करें।
🙏🏻 *पद्मपुराण, उत्तरखंड में स्वयं महादेव कार्तिकेय को दीपावली, कार्तिक कृष्णपक्ष के पाँच दिन में दीपदान का विशेष महत्व बताते हैं:-
🌷 कृष्णपक्षे विशेषेण पुत्र पंचदिनानि च* *पुण्यानि तेषु यो दत्ते दीपं सोऽक्षयमाप्नुयात्
➡ बेटा! विशेषतः कृष्णपक्ष में 5 दिन (रमा एकादशी से दीपावली तक) बड़े पवित्र हैं। उनमें जो भी दान किया जाता है, वह सब अक्षय और सम्पूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है।
💐तस्माद्दीपाः प्रदातव्या रात्रावस्तमते रवौ* *गृहेषु सर्वगोष्ठेषु सर्वेष्वायतनेषु च* *देवालयेषु देवानां श्मशानेषु सरस्सु च* *घृतादिना शुभार्थाय यावत्पंचदिनानि च* *पापिनः पितरो ये च लुप्तपिंडोदकक्रियाः
*तेपि यांति परां मुक्तिं दीपदानस्य पुण्यतः
➡ *रात्रि में सूर्यास्त हो जाने पर घर में, गौशाला में, देववृक्ष के नीचे तथा मन्दिरों में दीपक जलाकर रखना चाहिए। देवताओं के मंदिरों में, शमशान में और नदियों के तट पर भी अपने कल्याण के लिए घृत आदि से पाँच दिनों तक दीप जलाने चाहिए। ऐसा करने से जिनके श्राद्ध और तर्पण नहीं हुए हैं, वे पापी पितर भी दीपदान के पुण्य से परम मोक्ष को प्राप्त होते हैं।
आचार्य मुकेश
Astro nakshatra 27
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