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Thursday, 29 November 2018

आज का पंचांग। 30 नवंबर शुक्रवार। बटुक भैरव अष्टमी। आचार्य मुकेश।


✡️दिन~ शुक्रवार
☸️विक्रम सम्वत्~ 2075(विरोधाकृत) 
🕉️शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🔃द्रिक अयन~ दक्षिणायण
⛅द्रिक ऋतु~शरद
🌞↗️सूर्योदय~07:00.
☀️↘️सूर्यास्त~17:20.
🌕↗️चन्द्रोदय~24:50.     
🌕↘️चन्द्रास्त~ 13:07.
💢मास~मार्गशीर्ष
◾पक्ष~कृष्ण पक्ष 
📅तिथि ~ 🎱 अष्टमी 16:55. 
🌙चंद्रराशि~सिंह♌
🌠चंद्र नक्षत्र ~ पूर्वाफाल्गुनी 28:19.
🌡️योग ~वैधृति 10:18.
🌞सूर्य ~ वृश्चिक♏
❇️सूर्य नक्षत्र~ अनुराधा
🔺मंगल ~ कुम्भ♓ 
⬜बुध(↩️वक्री,⬇️अस्त)~ वृश्चिक♏
🌻बृहस्पति(⬇️अस्त)~वृश्चिक♏
🌼शुक्र ~ तुला♎
◾शनि ~धनु♐
👹राहु ~ कर्क♋
👺केतु ~ मकर♒
🌷करण~ कौलव ~16:55,तैतिल  ~28:05.
👹राहुकाल~10:52 - 12:10.
🎎अभिजीत मुहुर्त~11:49 - 12:30.
🏵गंडमूल ~ 
28-11-18 # 08:11 से, 30-11-18 #  05:23
🎗️होमहुति~ राहु
🔥अग्निवास~ पाताल 16:55.
🌀दिशा शूल~पाश्चिम☄️
🚘🚗यात्रा ~
*शुक्रवार*
दही या उससे बने पदार्थ का सेवन करके यात्रा करने से अनुकूलता आती है।

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30 नवंबर को कालभैरव अष्टमी है। पुराने समय में इसी तिथि पर शिवजी ने कालभैरव के रूप में अवतार लिया था। इस सृष्टि की रचना सत्व, रज और तम गुणों से मिलकर हुई है। शिव पुराण के अनुसार शिवजी हर कण में बसते हैं, इस कारण शिवजी इन तीनों गुणों के नियंत्रक माने जाते हैं। शिवजी को आनंद स्वरूप में शंभू, विकराल स्वरूप में उग्र और सत्व स्वरूप में सात्विक भी पुकारा जाता है।

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मार्गशीर्ष महीने में किस-किस तरह के लाभ होते हैं~
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🏵इस महीने में मंगलकार्य विशेष फलदायी होते हैं।

🏵इस महीने में श्रीकृष्ण की उपासना और पवित्र नदियों में स्नान विशेष शुभ होता है।

🏵इस महीने में संतान के लिए वरदान बहुत सरलता से मिलता है।

🏵साथ ही साथ चन्द्रमा से अमृत तत्व की प्राप्ति भी होती है।

🏵इस महीने में कीर्तन करने का फल अमोघ होता है।
Aacharya Mukesh N Suman
Astro Nakshatra 27

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