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Wednesday, 28 November 2018

आज का पंचांग।29 नवम्बर 2018। सप्तमी तिथि।



🌞↗️सूर्योदय~06:59.
🌞↘️सूर्यास्त~17:20.
🌕↗️चन्द्रोदय~23:47.     
🌙↘️चन्द्रास्त~ 12:24.

🔶दिन~ गुरुवार
🔶विक्रम सम्वत्~ 2075(विरोधाकृत) 
🔶शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🔶द्रिक अयन➖ दक्षिणायण
🔶द्रिक ऋतु~शरद

👉मास~मार्गशीर्ष
⚫पक्ष~कृष्ण पक्ष 
💠तिथि ~  सप्तमी 18:46. 
🌙चंद्रराशि~कर्क♋
❇️चंद्र नक्षत्र ~ मघा 29:22.
⚜️योग ~ इंद्र 13:04.
🌞सूर्य ~ वृश्चिक♏
🌞सूर्य नक्षत्र~ अनुराधा❇️
🔺मंगल ~ कुम्भ♐
🔘बुध(↩️वक्री,⬇️अस्त)~ वृश्चिक♏
🔶बृहस्पति(⬇️अस्त)~  वृश्चिक♏
⬜शुक्र ~ तुला♎
◾शनि ~धनु♐
✴️राहु ~ कर्क♋
✴️केतु ~ मकर♒
✴️करण➖बव ~18:46.➖बालव  ~29:49.
👹राहुकाल~ 13:27 - 14:44.
⚜️अभिजीत मुहुर्त➖  11:49 - 12:30.
⚕️गंडमूल ~ 
28-11-18 ➖ 08:11 से, 30-11-18 ➖ 05:23
✳️पंचक ~ ❌
⚡होमहुति~ गुरु
🔥अग्निवास~ पृथ्वी 18:46.
⛵दिशा शूल~दक्षिण⚓
🚘🚗🚖यात्रा-*गुरुवार*
दही या उससे बने पदार्थ या मिठाई खाकर या राई चबाकर यात्रा  करने से अनुकूलता आती है।
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*अगहन माह के गुरुवार करें लक्ष्मी पूजा*

🏵अगहन के प्रथम गुरुवार को परिवार की खुशहाली और समृद्घि के लिए  लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। 

🏵बुधवार की शाम घर की सफाई करने के बाद अगले दिन माता लक्ष्मी के चरण प्रतीक बनाकर पूजा की जाती है। 

🏵ऐसी मान्यता है कि तुलसी और लक्ष्मी की पूजा अगहन माह में एक साथ करने और अन्न दान करने से लक्ष्मी खुश होती हैं और उनके आगमन के बाद उनका स्थायित्व बना रहता है। अगहन के हर गुरुवार को लक्ष्मी की पूजा की जाती है। 

🏵इसके संदर्भ में सनातन धर्म में भी उल्लेख किया गया है। ग्रंथों में इसका वर्णन मिलता है कि अगहन गुरुवार को निष्ठा से लक्ष्मी की उपासना करें तो वे प्रसन्न होकर उपासक के घर स्थायी तौर पर आती हैं। इस परंपरा का निर्वाह आज के दौर में भी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ किया जाता है। 

🏵लक्ष्मी और तुलसी साथ में पूजी जाती है। इसके चलते परिवार में लक्ष्मी का वास हमेशा रहता है।
आचार्य मुकेश

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