हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan)
1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan)
शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।
शास्त्रों के अनुसार नित्य उस दिन की तिथि का नाम लेने उसका नाम सुनने से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
वार का नाम लेने सुनने से आयु में वृद्धि, नक्षत्र का नाम लेने सुनने से पापो का नाश होता है।
योग का नाम लेने सुनने से प्रियजनों का प्रेम मिलता है और करण का नाम लेने सुनने से समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती है। इसलिए निरंतर शुभ समय के लिए प्रत्येक मनुष्य को नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
16 दिसम्बर 2018 रविवार का पंचांग
🌞↗️सूर्योदय - 07:11 🌞↘️सूर्यास्त - 17:22
🌕↗️चन्द्रोदय - 13:09 🌘↘️चन्द्रास्त - 25:22+
पञ्चाङ्ग
🔘वार- रविवार 💠तिथि - शुक्ल पक्ष ➢नवमी:-पूर्ण रात्रि
नवमी तिथि की स्वामिनी माँ दुर्गा हैं। नवमी तिथि को दुर्गा माता का पूजन किया जाना बहुत शुभ रहता है। नवमी तिथि में माँ दुर्गा को गुड़हल या लाल गुलाब अर्पित करते हुए दुर्गा जी के किसी भी सिद्द मन्त्र का जाप करने से जीवन के सभी मनोरथ पूर्ण होते है ।
नवमी तिथि को उग्रा कहा गया है और यह एक रिक्ता तिथि भी है इसलिए नए और मांगलिक कार्यों की शुरुआत इस तिथि में किए जाना शास्त्रों में शुभ नहीं माना जाता है। नवमी तिथि में लौकी और कद्दू का सेवन नहीं करें। नवमी तिथि में वाद विवाद करना, जुआ खेलना, शस्त्र निर्माण , मद्यपान आदि सभी प्रकार के क्रूर कर्म किए जाते हैं।
रविवार को अदरक और मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए।
नक्षत्र
उत्तर भाद्रपद - 03:09 ए.एम., दिसम्बर 17 तक
रेवती
नक्षत्र के देवता एवं ग्रह्स्वामी :-
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के देवता अहिर्बुध्न्य (नाम का सूर्य ) है एवं रेवती नक्षत्र के देवता पूषा (पूषण नाम का सूर्य ) है ।
योग
व्यतीपात - 25:49+ , तक
वरीयान्
करण
बालव - 06:57 P.M. तक
कौलव - पूर्ण रात्रि तक
विक्रम संवत् 2075 संवत्सर (विरोधाकृत)
शक संवत - 1940 (विलंबी)
अयन - दक्षिणायण
वैदिक ऋतु/द्रिक ऋतु:- हेमन्त
मास - मार्गशीर्ष (अगहन) माह
सूर्य राशि - सूर्य राशि
वृश्चिक 09:24 तक
धनु (09:25 धनु-संक्रान्ति,खरमास प्रारंभ )
चन्द्र राशि
मीन
सूर्य नक्षत्र
ज्येष्ठा 09:24 A.M. तक
मूल
शुभ समय
अभिजित मुहूर्त
11:56 - 12:37
अमृत काल
09:58 P.M. से 11:42 P.M.
अशुभ समय
👹राहुकाल
16:06 से 17:22
राहुकाल :- राहुकाल में कोई भी नया शुभ कार्य एवं यात्रा नहीं करनी चाहिए।
पञ्चक:- पूरे दिन
पंचक शुरू
13 दिसंबर, 2018 (गुरुवार) 06:12 बजे
पंचक समाप्त
18 दिसंबर, 2018 (मंगलवार) 04:18 बजे
भारतीय ज्योतिष के अनुसार अशुभ समय में किए काम मनचाहा परिणाम नहीं देते। यही कारण है कि पंचक में बहुत से शुभ काम करने की मनाही है।
सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खर मास या मलमास प्रारंभ हो जाएगा। खर मास में विवाह, नूतन गृह प्रवेश, नया वाहन, भवन क्रय करना, मुंडन जैसे शुभ कार्यों पर एक माह के लिए प्रतिबंध लग जाएगा।
निवास और शूल
होमाहुति
शुक्र
⚓दिशा शूल⛵पश्चिम में
दिशाशूल
रविवार को पश्चिम दिशा का दिशाशूल होता है । इस दिन यात्रा में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
रविवार को पश्चिम दिशा का दिशाशूल होता है । इस दिन यात्रा में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
🔥अग्निवास
पृथ्वी
मुहूर्त - नवमी रिक्ता तिथि है इसलिए इस दिन कोई भी नया, मांगलिक कार्य वर्जित है ।
ग्रह-स्थिति:
🌞सूर्य-राशि ~ वृश्चिक♏ 09:25 धनु♐
🌙चंद्र-राशि~मीन
🏵सूर्य नक्षत्र~ ज्येष्ठा 09:24 A.M. तक, मूल
🔺मंगल ~ कुम्भ♓
🔘बुध~ वृश्चिक♏
🔶बृहस्पति~वृश्चिक♏
◽शुक्र ~ तुला♎
◾शनि (⬇️अस्त )~धनु♐
👹राहु ~ कर्क♋
👺केतु ~ मकर♒
नोट :- पंचांग को नित्य पढ़ने से जीवन से विघ्न दूर होते है, कुंडली के ग्रह भी शुभ फल देने लगते है। अत: सभी जातको को नित्य पंचाग को अनिवार्य रूप से पढ़ना ही चाहिए और अपने इष्ट मित्रो को भी इससे अवगत कराना चाहिए ।
ACHARYA MUKESH,
ASTROLOGER,
ASTRO NAKSHATRA 27
ASTROLOGER,
ASTRO NAKSHATRA 27
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