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Wednesday, 9 January 2019

बृहस्पतिवार, जनवरी 10, 2019 का पंचांग/ TODAY PANCHANG


हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि  2:- वार  3:- नक्षत्र  4:- योग  और  5:- करण .

शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।

शास्त्रों के अनुसार नित्य उस दिन की तिथि का नाम लेने उसका नाम सुनने से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
वार का नाम लेने सुनने से आयु में वृद्धिनक्षत्र का नाम लेने सुनने से पापो का नाश होता है।
योग का नाम लेने सुनने से प्रियजनों का प्रेम मिलता है और करण का नाम लेने सुनने से समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती है। इसलिए निरंतर शुभ समय के लिए प्रत्येक मनुष्य को नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

बृहस्पतिवार, जनवरी  10, 2019 का पंचांग

🌞↗️सूर्योदय - 07:19  🌞↘️सूर्यास्त - 17:38                   
🌕↗️चन्द्रोदय - 10:02  🌘↘️चन्द्रास्त - 21:28


पञ्चाङ्ग
🔘वार- बृहस्पतिवार 💠तिथि - शुक्ल पक्ष
चतुर्थी - 17:22 तक
पञ्चमी


तिथि का स्वामी -  चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेशजी है. हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती है। हिन्दु धर्मग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।


    

नक्षत्र
शतभिषा - 29:55+ तक
पूर्व भाद्रपद

नक्षत्र के देवता एवं ग्रह्स्वामी :- शतभिषा नक्षत्र के देवता यम जी है ।

योग
व्यतीपात - 30:31+ तक
वरीयान्

करण
विष्टि - 17:22 तक
बव - 30:40+ तक
बालव


विक्रम संवत् 2075 संवत्सर (विरोधाकृत)
शक संवत - 1940 (विलंबी)
अयन - दक्षिणायण
वैदिक ऋतु:- हेमन्त
द्रिक ऋतु:-शिशिर
मास - पौष माह

सूर्य राशि 


धनु

चन्द्र राशि

कुम्भ

सूर्य नक्षत्र

पूर्वाषाढ़ा 
नक्षत्र पद

शतभिषा - 09:37 तक
शतभिषा - 16:24 तक
शतभिषा - 23:10 तक
शतभिषा - 29:55+ तक
पूर्व भाद्रपद


🌅दिनमान

10 घण्टे 18 मिनट्स 17 सेकण्ड्स

🌌रात्रिमान

13 घण्टे 41 मिनट्स 43 सेकण्ड्स


🙏शुभ समय🙏

भिजित मुहूर्त
12:08 से 12:49
अमृत काल
21:48 से 23:36
रवि योग
29:55+ से 31:19+

⛔अशुभ समय⛔

🚫गुलिक काल
09:54 से 11:11
🚷यमगण्ड
07:19 से 08:37
भद्रा
07:19 से 17:22
👹राहुकाल
13:46 से 15:03

ऊपर दिए गए राहुकाल का आकलन दिल्ली के सूर्योदय को ध्यान में रखते हुए किया गया है !

राहुकाल सप्ताह के सातों दिन में निश्चित समय पर लगभग 90 मिनट तक रहता है। इसे अशुभ समय के रूप मे देखा जाता है और इसी कारण राहु काल की अवधि में शुभ कर्मो को यथा संभव टालने की सलाह दी जाती है। राहु काल अलग-अलग स्थानों के लिये अलग-अलग होता है। इसका कारण यह है की सूर्य के उदय होने का समय विभिन्न स्थानों के अनुसार अलग होता है। इस सूर्य के उदय के समय व अस्त के समय के काल को निश्चित आठ भागों में बांटने से ज्ञात किया जाता है। सप्ताह के प्रथम दिवस अर्थात सोमवार के प्रथम भाग में कोई राहु काल नहीं होता है। यह सोमवार को दूसरे भाग में, शनिवार को तीसरे भाग, शुक्रवार को चौथे भाग, बुधवार को पांचवे भाग, गुरुवार को छठे भाग, मंगलवार को सातवे तथा रविवार को आठवे भाग में होता है। यह प्रत्येक सप्ताह के लिये निश्चित रहता है।

इस गणना में सूर्योदय के समय को प्रात: 06:00 (भा.स्टै.टा) बजे का मानकर एवं अस्त का समय भी सांयकाल 06:00 बजे का माना जाता है। इस प्रकार मिले 12 घंटों को बराबर आठ भागों में बांटा जाता है। इन बारह भागों में प्रत्येक भाग डेढ घण्टे का होता है। हां इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वास्तव में सूर्य के उदय के समय में प्रतिदिन कुछ परिवर्तन होता रहता है और इसी कारण से ये समय कुछ खिसक भी सकता है। अतः इस बारे में एकदम सही गणना करने हेतु सूर्योदय व अस्त के समय को पंचांग से देख आठ भागों में बांट कर समय निकाल लेते हैं जिससे समय निर्धारण में ग़लती होने की संभावना भी नहीं रहती है।
रविवार -सायं -4.30 से 6.00 तक।
सोमवार -प्रातः -7.30 से9.00 तक।
मंगलवार -दिन -3.00 से 4.30तक।
बुधवार -दिवा -12.00 से 1.30तक।
गुरूवार -दिन -1.30 से 3.00तक।
शुक्रवार -प्रातः -10.30 से12.00तक।
शनिवार -प्रातः -9.00 से 10.30तक।

सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खर मास या मलमास प्रारंभ हो जाएगा। खर मास में विवाह, नूतन गृह प्रवेश, नया वाहन, भवन क्रय करना, मुंडन जैसे शुभ कार्यों पर एक माह के लिए प्रतिबंध लग जाएगा।

⚓निवास और शूल
होमाहुति
बुध

⚓दिशा शूल⛵ दक्षिण

🔥अग्निवास :-
पाताल - 17:22 तक
पृथ्वी



ग्रह-स्थिति:
🌞सूर्य-राशि ~धनु
🌙चंद्र-राशि~कुम्भ
🔺मंगल ~ मीन♓
🔘बुध(अस्त⬇️)~ धनु
🔶बृहस्पति~वृश्चिक
◽शुक्र ~ वृश्चिक
◾शनि (⬇️अस्त )~धनु
👹राहु ~ कर्क
👺केतु ~ मकर

नोट :- पंचांग  को नित्य पढ़ने से जीवन से विघ्न दूर होते है, कुंडली के ग्रह भी शुभ फल देने लगते है। अत: सभी जातको को नित्य पंचाग को अनिवार्य रूप से पढ़ना ही चाहिए और अपने इष्ट मित्रो को भी इससे अवगत कराना चाहिए ।
                                       
                     

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