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Saturday, 9 February 2019

10 फरवरी 2019 रविवार का पंचांग | Raviwar Ka Panchang | आज का पंचांग | Aaj Ka Panchang | माघ शुक्ल पक्ष, पञ्चमी


हिन्दू धर्म में पंचाग को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नित्य पंचाग को पढ़ने वाले जातक को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है उसको इस लोक में सभी सुख और कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि  2:- वार  3:- नक्षत्र  4:- योग  और  5:- करण .

शास्त्रों के अनुसार पंचाग को पढ़ना सुनना बहुत शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम जी भी नित्य पंचाग को सुनते थे ।
शास्त्रों के अनुसार नित्य उस दिन की तिथि का नाम लेने उसका नाम सुनने से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
वार का नाम लेने सुनने से आयु में वृद्धि, नक्षत्र का नाम लेने सुनने से पापो का नाश होता है।

योग का नाम लेने सुनने से प्रियजनों का प्रेम मिलता है और करण का नाम लेने सुनने से समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती है। इसलिए निरंतर शुभ समय के लिए प्रत्येक मनुष्य को नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

10 फरवरी 2019   रविवार , का पंचांग
🌞↗️सूर्योदय - 07:08
🌞↘️सूर्यास्त - 18:03
🌕↗️चन्द्रोदय -10:14
🌘↘️चन्द्रास्त - 22:54

पञ्चाङ्ग
🔘वार- रविवार 💠तिथि - शुक्ल पक्ष (माघ)
पञ्चमी - 14:09 तक
षष्ठी

तिथि का स्वामी -  पञ्चमी तिथि के स्वामी सर्पदेव(नाग ) जी है तथा षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय है ।

आज बसंत पंचमी है। बसंत पंचमी का दिन विद्या, प्रेम, दोस्ती के लिए, सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । बसन्त पंचमी के दिन "मोर का एक पंख" अपने पास रखे इस दिन इसे अपने पास रखने से स्कूल कॉलेज में उस विद्यार्थी का मान सम्मान बढ़ता है।बसन्त पंचमी के दिन "सिद्ध अष्ट सरस्वती यंत्र" गले में धारण करने से विद्यार्थी विद्या - बुद्धि में अत्यंत तेजस्वी हो जाता है।
पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं। पंचमी तिथि को पूर्णा भी कहते है।

नक्षत्र
रेवती - 19:38 तक
अश्विनी


योग
साध्य - 12:18 तक
शुभ

करण
बालव - 14:09 तक
कौलव - 26:49+ तक
तैतिल

विक्रम संवत् 2075 संवत्सर (विरोधाकृत)

शक संवत - 1940 (विलंबी)

अयन - उत्तरायण

वैदिक ऋतु:-शिशिर

द्रिक ऋतु:-शिशिर

मास - माघ माह

सूर्य राशि 

मकर

चन्द्र राशि
मीन - 19:38 तक
मेष


सूर्य नक्षत्र

धनिष्ठा

🌅दिनमान
10 घण्टे 55 मिनट्स 24 सेकण्ड्स

🌌रात्रिमान
13 घण्टे 03 मिनट्स 50 सेकण्ड्स


🙏शुभ समय🙏

अभिजित मुहूर्त:-12:14 से 12:57
सर्वार्थ सिद्धि योग:-19:38 से 31:07+
रवि योग:- 19:38 से 31:07+
विजय मुहूर्त:-14:25 से 15:08


⛔अशुभ समय⛔
पञ्चक:- 07:08 से 19:38
गुलिक काल:- 15:19 से 16:41
🚷यमगण्ड:- 12:35 से 13:57
👹राहुकाल:- 16:41 से 18:03

ऊपर दिए गए राहुकाल का आकलन दिल्ली के सूर्योदय को ध्यान में रखते हुए किया गया है !

राहुकाल सप्ताह के सातों दिन में निश्चित समय पर लगभग 90 मिनट तक रहता है। इसे अशुभ समय के रूप मे देखा जाता है और इसी कारण राहु काल की अवधि में शुभ कर्मो को यथा संभव टालने की सलाह दी जाती है। राहु काल अलग-अलग स्थानों के लिये अलग-अलग होता है। इसका कारण यह है की सूर्य के उदय होने का समय विभिन्न स्थानों के अनुसार अलग होता है। इस सूर्य के उदय के समय व अस्त के समय के काल को निश्चित आठ भागों में बांटने से ज्ञात किया जाता है। सप्ताह के प्रथम दिवस अर्थात सोमवार के प्रथम भाग में कोई राहु काल नहीं होता है। यह सोमवार को दूसरे भाग में, शनिवार को तीसरे भाग, शुक्रवार को चौथे भाग, बुधवार को पांचवे भाग, गुरुवार को छठे भाग, मंगलवार को सातवे तथा रविवार को आठवे भाग में होता है। यह प्रत्येक सप्ताह के लिये निश्चित रहता है।

इस गणना में सूर्योदय के समय को प्रात: 06:00 (भा.स्टै.टा) बजे का मानकर एवं अस्त का समय भी सांयकाल 06:00 बजे का माना जाता है। इस प्रकार मिले 12 घंटों को बराबर आठ भागों में बांटा जाता है। इन बारह भागों में प्रत्येक भाग डेढ घण्टे का होता है। हां इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वास्तव में सूर्य के उदय के समय में प्रतिदिन कुछ परिवर्तन होता रहता है और इसी कारण से ये समय कुछ खिसक भी सकता है। अतः इस बारे में एकदम सही गणना करने हेतु सूर्योदय व अस्त के समय को पंचांग से देख आठ भागों में बांट कर समय निकाल लेते हैं जिससे समय निर्धारण में ग़लती होने की संभावना भी नहीं रहती है।

रविवार -सायं -4.30 से 6.00 तक।
सोमवार -प्रातः -7.30 से9.00 तक।
मंगलवार -दिन -3.00 से 4.30तक।
बुधवार -दिवा -12.00 से 1.30तक।
गुरूवार -दिन -1.30 से 3.00तक।
शुक्रवार -प्रातः -10.30 से12.00तक।
शनिवार -प्रातः -9.00 से 10.30तक।

⚓निवास और शूल
होमाहुति- बुध
अग्निवास :-पृथ्वी
दिशाशूल (Dishashool) -उत्तर

रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । इस दिन यात्रा में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।

विशेष - पंचमी को बिल्व का सेवन नही करना चाहिए ।

पर्व त्यौहार - बसंत पंचमी

मुहूर्त - पंचमी समस्त शुभ कार्यों के लिए उत्तम है परंतु इस दिन ऋण कतई नहीं देना चाहिए।


ग्रह-स्थिति:
🌞सूर्य-राशि ~मकर
🌙चंद्र-राशि~ मीन ♓ - 19:38 तक, मेष ♈
🔺मंगल ~ मेष ♈
🔘बुध(अस्त⬇️)~ कुम्भ ♒
🔶बृहस्पति~वृश्चिक
◽शुक्र ~ धनु
◾शनि~धनु♐ 
👹राहु ~ कर्क
👺केतु ~ मकर

नोट :- पंचांग  को नित्य पढ़ने से जीवन से विघ्न दूर होते है, कुंडली के ग्रह भी शुभ फल देने लगते है। अत: सभी जातको को नित्य पंचाग को अनिवार्य रूप से पढ़ना ही चाहिए और अपने इष्ट मित्रो को भी इससे अवगत कराना चाहिए ।
                                       
                  
 💛ACHARYA MUKESH,

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