हिंदू धर्म शास्त्रों में होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ काम शुरू करने की मनाही है. इसे अशुभ मुहूर्त माना गया है !
होली का त्योहार इस बार 21 मार्च को मनाया जाएगा और 20 मार्च को होलिका दहन है. होली से 8 दिन पूर्व ही होलाष्टक लग जाते हैं. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक के समय को होलाष्टक माना जाता है. होलाष्टक 14 मार्च से लगेंगे जोकि 21 मार्च यानी कि होली के दिन तक रहेंगे. हिंदू धर्म शास्त्रों में होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ काम शुरू करने की मनाही है. इसे अशुभ मुहूर्त माना गया है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी के दिन सूर्योदय से पहले सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे. अगर ज्योतिषशास्त्र के आधार पर इसकी गणना की जाए तो संक्रांति 14 मार्च को होगी, लेकिन चूंकि पुण्यकाल 15 मार्च से माना जा रहा है. इसलिए इसी दिन से खरमास शुरू माना जाएगा.
होलाष्टक में कौन-कौन से काम न करें:
# पति-पत्नी को होलाष्टक के दिनों में संयम रखना चाहिए। इस दौरान बने संबंध से पैदा होने वाली संतान को जीवनभर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
# अगर आप महालक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो होली तक घर में शांति बनाए रखें। किसी भी प्रकार का वाद-विवाद न करें। अन्यथा होली पर की गई पूजा से शुभ फल नहीं मिल पाएंगे।
# इन दिनों में सुबह देर तक सोने से बचना चाहिए। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इस बात का ध्यान नहीं रखेंगे तो आलस्य बढ़ेगा और देवी-देवता की कृपा नहीं मिल पाएगी।
हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, होलकाष्टक के दौरान प्रकृति में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह मंद हो जाता है और नकारात्मक ऊर्जा चरम पर होती है. इसलिए इस दौरान शुभ कामों को निषेध बताया गया है.
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होलाष्टक जुड़ी विशेष बातें
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इसलिए माना जाता है अशुभ
मान्यता है कि भक्त प्रह्लाद की नारायण भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने होली से पहले आठ दिनों में उन्हें कई तरह के कष्ट दिए थे। तभी से इन आठ दिनों को हमारे हिन्दू धर्म में अशुभ माना गया है। इन 8 दिनों में ग्रह अपना स्थान बदलते हैं। ग्रहों के बदलाव की वजह से होलाष्टक के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता।
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क्या करें ?
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शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के दिनों में जो व्रत किए जाते हैं उनसे भगवान प्रसन्न होते हैं। अगर व्रत नहीं कर सकते तो इस समय में दान देना चाहिए।
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क्या न करें ?
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शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इस समय में विवाह, गृह प्रवेश, निर्माण, नामकरण आदि शुभ कार्य वर्जित होते हैं। नए काम भी शुरू नहीं किए जाते।
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क्यों है मनाही ?
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दिनों में जो कार्य किए जाते हैं उनसे जीवन कष्ट और पीड़ा आती है। इन दिनों में यदि विवाह आदि किए जाते हैं तो भविष्य में संबंध विच्छेद, कलह का शिकार होते हैं।
ASTRO NAKSHATRA 27
ACHARYA MUKESH
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