1 . भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया सर्वोत्तम व्रत का रहस्य
पौराणिक मान्यता के अनुसार जब माता पार्वती ने भगवान शिव से आग्रह किया कि वे उन्हें बताए कि कौन सा व्रत उनको सर्वोत्तम भक्ति और पुण्य प्रदान करता है। तब महादेव ने उनके सवाल का जवाब दिया और महाशिवरात्रि के व्रत के महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि जो भक्त महाशिवरात्रि का उपवास रखता है, वह मुझे प्रसन्न कर लेता है।
2. जब महादेव ने ब्रह्मा और विष्णु का तोड़ा अभिमान
पौराणिक कथा की मानें तो जब एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी को अपनी शक्तियों पर अभिमान हो गया था। और दोनों ही खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए आमादा हो गए थे। तब भगवान शिव को अत्यंत प्रकाशवान होकर ब्रह्मा और विष्णु के इस अहंकार को तोड़ने के लिए अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट होना पड़ा था। चूकि महादेव अपने इस स्वरूप में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि को ही प्रकट हुए थे, इसलिए इस रात्रि को महाशिवरात्रि कहा गया।
3. शिव-शक्ति मिलन
मान्यता है कि इसी पवित्र महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और आदि शक्ति का विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए महाशिवरात्रि को शिव और आदि शक्ति के मिलन की रात्रि के रूप में भी देखा जाता है। इसी लिए कहा गया है कि यदि कोई अविवाहिता लड़कियाँ इस दिन व्रत रखती है तो उसको महादेव जैसे वर की प्राप्ति होती है।
हमारी ओर से आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
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