🎆🎆🎆छोटी-दिवाली🎇🎇✨✨
🎇नरक-चतुर्दशी✨
🔺दिन~ मंगलवार।
⚛️विक्रम सम्वत्~ 2075(विरोधाकृत)
⚛️शकसम्वत्~1940 (विलंबी)
🔃द्रिक अयन~दक्षिणायण।
⛲द्रिक ऋतु~शरद।
🌄↗️सूर्योदय~06:40.
🌇↘️सूर्यास्त~17:29.
🌃↗️चन्द्रोदय~ 29:59+.
🌃↘️चन्द्रास्त~ 17:00.
🔸मास~कार्तिक।
◾पक्ष~कृष्ण पक्ष ।
💥तिथि ~ चतुर्दशी 22:27+.
🌃चंद्रराशि~ कन्या।
🌃चंद्र नक्षत्र ~ चित्रा 19:56+.
💥योग ▪ प्रीति 19:57.
🌄सूर्य राशि~ तुला♎
🌅सूर्य नक्षत्र~ स्वाति 20:08.
☸️मंगल ~ मकर ♒
☸️बुध ~ वृश्चिक♏
☸️बृहस्पति~वृश्चिक ♏
☸️शुक्र (वक्री)~ तुला♎
☸️शनि ~धनु♐
☸️राहु ~ कर्क♋
☸️केतु ~ मकर♒
🔄करण~ विष्टि~11:04. शकुनि ~ 22:27+.
👹राहुकाल~ 14:47 - 16:08.
💧अभिजीत मुहुर्त~1:43 - 12:26.
❄️होमहुति~केतु 29:56.सूर्य 20:08.
🔥अग्निवास~ आकाश 22:27.
🏗️दिशा शूल ~उत्तर
🔺🗾यात्रा ~
*मंगलवार*
गुड़ या उससे बने व्यंजन का सेवन कर यात्रा करें।
👉रूप चौदस ~ 6-11-18{मंगलवार}
💥💥शुभ दीपावली~ 7-11-18{बुधवार}
*रूप चौदस*
💥इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान का महत्व होता हैं। इस दिन स्नान करते वक्त तिल एवम तेल से नहाया जाता है, इसके साथ नहाने के बाद सूर्य देव को अर्ध्य अर्पित करते हैं।
💥इस दिन शरीर पर चंदन लेप लगाकर स्नान किया जाता हैं एवम भगवान कृष्ण की उपासना की जाती हैं।
💥रात्रि के समय घर की दहलीज पर दीप लगाये जाते हैं एवम यमराज की पूजा भी की जाती हैं।
💥पुराणों के अनुसार इस दिन यमराज की पूजा करने तथा उन्हें दीपदान करने से अकालमृत्यु का भय सदा के लिए दूर हो जाता है।
💥इस दिन सायं चार बत्ती वाला मिट्टी का दीपक पूर्व दिशा में अपना मुख करके घर के मुख्य द्वार पर रखें और नए पीले रंग के वस्त्र पहन कर यम का पूजन करें।
💥इस दौरान
*दत्तो दीप: चतुर्दश्यो नरक प्रीतये मया।*
*चतुर्वर्ति समायुक्त: सर्व पापा न्विमुक्तये*
मंत्र का जाप करें। जो व्यक्ति इन बातों पर अमल करता है उसे नर्क की यातनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
💥इस दिन हनुमान जी की अर्चना भी की जाती हैं।
💥एक मान्यता हैं कि कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चौदस के दिन हनुमान जी ने माता अंजना के गर्भ से जन्म लिया था।इस प्रकार इस दिन दुखों एवम कष्टों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी की भक्ति की जाती हैं, जिसमे कई लोग हनुमान चालीसा, हनुमानअष्टक जैसे पाठ करते हैं। कहते हैं कि आज के दिन हनुमान जयंती होती हैं। यह उल्लेख वाल्मीकि रामायण में मिलता हैं।
💥इस प्रकार देश में दो बार हनुमान जयंती का अवसर मनाया जाता हैं। एक बार चैत्र की पूर्णिमा और दूसरी बार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चौदस के दिन।
Acharya Mukesh
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